शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्य सचिव हमेशा के लिए नहीं होते हैं। राम सुभग सिंह का क्या होगा, यह अगला विषय है। शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों के समय भी मुख्य सचिव बदले गए हैं। हमारे समय में तो कई सेवानिवृत्त भी हुए। अगर उन्हें दोबारा लगाते तो खबरें बनतीं। बीके अग्रवाल और अनिल खाची को लंबे समय वाले अच्छे मौके मिलने पर ही बदला गया।
मुख्य सचिवों के साथ भाजपा सरकार का सामंजस्य नहीं बैठने के सवाल पर स्थिति स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वीसी फारका पूर्व सरकार के समय से मुख्य सचिव थे। सत्ता बदलने पर मुख्य सचिव बदले जाते हैं। इसी कड़ी में हमने उनको बदल कर वरिष्ठ अधिकारी विनीत चौधरी को मुख्य सचिव नियुक्त किया। चौधरी ने कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद बीके अग्रवाल मुख्य सचिव बने।
कुछ समय बाद अग्रवाल केंद्र सरकार में सचिव पद के लिए सूचीबद्ध हो गए। उनके कुछ स्वास्थ्य कारण भी थे। भारत सरकार में सचिव बनने का उन्हें अच्छा मौका मिला। वे इसलिए गए। मुख्यमंत्री ने मुस्कराते हुए कहा कि अग्रवाल मेरी वजह से हिमाचल से नहीं गए। इसके बाद श्रीकांत बाल्दी मुख्य सचिव बने। उन्होंने भी अपना कार्यकाल पूरा किया। इनके बाद सबसे वरिष्ठ और हिमाचल से संबंध रखने वाले अनिल खाची मुख्य सचिव बने। उन्होंने अच्छा काम किया।
उनके सामने लंबे समय के लिए अच्छा मौका था। वे आज राज्य चुनाव आयुक्त हैं। इनके बदले जाने पर किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। फिर राम सुभग सिंह को मुख्य सचिव बनाया गया। राम सुभग सिंह ने अच्छा काम किया। आने वाले समय में उनका क्या होगा, यह अगला विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव सरकारों के संचालन में सहयोग करते रहे हैं। उन्हें सभी ने सहयोग भी दिया है।