नई दिल्ली l अब क्या करेंगे? अभी तक तो ये कहते आए कि पेट्रोल-डीजल महंगा है तो CNG गाड़ी खरीद लेंगे. इसी तर्क के साथ पिछले कुछ वर्षों में तेजी से CNG गाड़ियों की बिक्री बढ़ी है. खासकर बड़े शहरों में लोग CNG कारें खरीद रहे हैं. अभी तक CNG को पेट्रोल-डीजल का सबसे बेहतर विकल्प माना जा रहा था.
लेकिन अब CNG की बढ़ती कीमतों ने वाहन चालकों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. CNG की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, CNG की कीमतें तब भी बढ़ रही थीं, जब 5 राज्यों में चुनाव की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम 137 दिनों तक एक जगह अटक गए थे.
CNG की कीमतों में लगातार इजाफा
अब जब पेट्रोल (Petrol)-डीजल (Diesel) के दाम लगभग रोज बढ़ रहे हैं, तो CNG की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं. बीते 6 दिन में CNG के दाम भी करीब करीब पेट्रोल-डीजल के बराबर बढ़ गए हैं. जिस तरह से सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमतें दोगुनी कर दी है, उसे देखते हुए आने वाले दिनों में भी CNG और PNG के दाम में तेज इजाफा होने की आशंका है.
CNG Price Hike: दरअसल, गुरुवार को लगातार दूसरे दिन CNG की कीमतों में इजाफा किया गया है. ढाई रुपये बढ़ने के बाद अब दिल्ली में CNG के दाम 69.11 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 71.67 रुपये प्रति किलो है.
इसके साथ ही बीते 6 दिनों में सीएनजी 9 रुपये से भी ज्यादा महंगी हो गई है. यही नहीं, पिछले करीब 4 महीनों में CNG की कीमत में करीब 20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. जबकि इस दौरान पेट्रोल के दाम करीब 10 रुपये लीटर महंगे हुए हैं.
अब सरकार से ही राहत की उम्मीद
ऐसे में जिस तरह से पेट्रोल-डीजल के मुकाबले CNG रेस लगा रही है, उससे लोगों में हड़कंप मच गया है. CNG की कीमतों में जारी बढ़ोतरी जल्द थमने के आसार भी नहीं है. हाल ही में सरकार ने नैचुरल गैस की कीमतों को दोगुनी कर दी है. उसके बाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि CNG की कीमतों में कुल 16 रुपये प्रति किलो तक बढ़ोतरी हो सकती है. जबकि पिछले 6 दिनों में 9 रुपये किलो CNG महंगी हो चुकी है. यानी अभी भी 7 रुपये किलो कीमत बढ़ने की आशंका है.
वहीं घर की रसोई तक आने वाली पाइप्ड नैचुरल गैस भी 10 रुपये प्रति SCM तक महंगी हो सकती है. साफ है कि इससे लोगों के लिए घर और गाड़ी चलाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. फिलहाल जिस तरह का अंतरराष्ट्रीय माहौल है, उससे देखते हुए फ्यूल के दाम कम होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे में अब निगाहें सरकार पर है कि वो टैक्स घटाकर या फिर किसी और फॉर्मूले से लोगों को राहत दे.