Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

किसान आंदोलन से कोहराम, आमजन परेशान

प्रदर्शनकारी किसानों को नहीं भूलना चाहिए कि आम नागरिकों को परेशानी में डालकर वे न तो आंदोलन को नैतिक धार दे सकते हैं, न ही इसके लिए जन- समर्थन जुटा सकते हैं : प्रकाश मेहरा

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
February 14, 2024
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
किसान आंदोलन
13
SHARES
424
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा


नई दिल्ली। एमएसपी पर कानून की मांग को लेकर केंद्र और किसान संगठनों के बीच टकराव की स्थिति के मद्देनजर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उचित ही कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए और बल का इस्तेमाल आखिरी उपाय के तौर पर ही हो। निस्संदेह, देश के अन्नदाताओं के विरुद्ध बल प्रयोग किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का अभीष्ट नहीं हो सकता, न होना चाहिए, मगर उसके ऊपर यह जिम्मेदारी भी आयद है कि वह ऐसी किसी अराजकता या अव्यवस्था की मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती, जो व्यापक नागरिक समाज की जिंदगी को परेशानी में डालती हो। 12 फरवरी की रात केंद्र सरकार व किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बातचीत के विफल रहने के बाद यह अंदेशा था कि 13 को प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे और मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर जो परिस्थिति पैदा हुई, उसने इसे सही साबित किया। दिल्ली के सिंधु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भी सुरक्षा के भारी इंतजाम के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आवागमन पर काफी असर पड़ा है। सर्विस लेन के बंद होने से इन क्षेत्रों में जाम की स्थिति बन गई है और लोगों को काफी दूर-दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है।

इन्हें भी पढ़े

Sheikh Hasina

शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, बोली- आतंकी हमला US ने रचा, PAK ने अंजाम दिया

November 2, 2025
amit shah

अमित शाह ने बताया- भारत में क्यों नहीं हो सकता Gen-Z प्रदर्शन!

November 2, 2025
Gold

तीन महीने में भारतीयों ने कितना सोना खरीदा? ये आंकड़े चौंका देंगे

November 2, 2025
adi kailash

22KM कम हो जाएगी आदि कैलाश की यात्रा, 1600 करोड़ होंगे खर्च

November 1, 2025
Load More

तीन कृषि कानूनों का विरोध

साल 2020 में जय तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध पहली बार किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना देने बैठ गए थे, तब भी स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हुई थी, मगर उस अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण धरने को आम लोगों की सहानुभूति हासिल थी, क्योंकि देश का एक बड़ा जन- समुदाय खेती-किसानी से जुड़ा है, या जो लोग कृषि कर्म से अलग होकर शहरों-महानगरों में आ बसे हैं, उनकी पुरानी पीढ़ियों में अब भी इस वर्ग के प्रति गहरी हमदर्दी कायम है। मगर 26 जनवरी, 2021 को लाल किले में जैसी अशोभनीय घटना घटी, उसने उस आंदोलन के प्रति आम लोगों का नजरिया बदल दिया था। हालांकि, किसानों और नागरिक में सरकार ने उन तीनों भावनाओं का सम्मान करते हुए बाद कानूनों को वापस ले लिया था और तब केंद्र व किसानों के बीच विश्वास बहाली का आधार बना था।

क्या आंदोलन को नैतिक धार?

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि जव जव चुनाव करीब आते हैं, तब सरकार से सहूलियत चाहने वाले वर्ग और कर्मचारी संगठन आंदोलनों का सहारा लेते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, यदि वे संविधान प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ अपने नागरिक कर्तव्यों का भी निबाह कर रहे हों, मगर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और विधि- व्यवस्था को बाधित करने की किसी भी कार्रवाई की कतई हिमायत नहीं की जा सकती। प्रदर्शनकारी किसानों को नहीं भूलना चाहिए कि आम नागरिकों को परेशानी में डालकर वे न तो अपने आंदोलन को नैतिक धार दे सकते हैं और न ही इसके लिए व्यापक समर्थन जुटा सकते हैं। निस्संदेह, सरकार के आगे गंभीर चुनौती है। इस चुनावी समय में वह विशाल किसान समुदाय को नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती, तब तो और, जब उसकी मुख्य प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने की सूरत में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएसपी कानून की गारंटी देने का दांव चल दिया है। मुश्किल यह है कि सरकार के पास बहुत वक्त भी नहीं है। उसे प्रतीकों की सियासत से बढ़कर किसानों को आश्वस्त करना ही होगा, क्योंकि अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश शांत है, अगर वहां के किसानों ने कूच किया, तो इस आंदोलन को शांत करना और दुरूह हो जाएगा।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
plane crash in ahmedabad

अहमदाबाद में विमान हादसा… एक दुखद घटना ने देश को झकझोरा, सुरक्षा पर उठे सवाल !

June 12, 2025
court

मथुरा शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष को झटका, मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग खारिज !

July 4, 2025
लोकसभा सत्र के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक

संसद: लोकसभा सत्र के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक

December 13, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • विवादों के बीच ‘द ताज स्टोरी’ ने बॉक्स ऑफिस पर कर दिया बड़ा खेल
  • मल्लिकार्जुन खरगे को अमित शाह का जवाब, गिनाया RSS का योगदान
  • दिल्ली सरकार का तोहफा, महिलाओं के लिए ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ की शुरुआत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.