नई दिल्ली l केंद्र सरकार ने हिट एंड रन सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को तत्काल आर्थिक सहायता मुहैया कराने के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। इसके तहत एक उच्च स्तरीय स्थायी समिति का गठन किया गया है। यह समिति मृतकों के आश्रितों को सड़क सुरक्षा फंड से तुरंत दो लाख रुपये का मुआवजा दिलाएगी। वहीं, घायलों को 50 हजार रुपये की मदद की जाएगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 5 अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है। केंद्रीय समिति सड़क दुर्घटनाओं एवं इससे जुड़े मामलों की जिला स्तर पर ऑनलाइन निगरानी भी करेगी। मंत्रालय के संयुक्त सचिव केंद्रीय समिति के अध्यक्ष होंगे: मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित वर्धन स्थायी समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव, तीन बीमा कंपनियों के सीएमडी, सड़क सुरक्षा के निदेशक सहित कुल 10 सदस्य होंगे।
जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा फंड बनेगा : इस विषय से जुड़े मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा फंड बनाने का प्रावधान कर दिया गया है। इसमें बीमा कंपनियां लाभ का कुछ अंश देंगी। समिति मोटर दुर्घटना स्कीम 2022 के तहत हिट एंड रन मामलों के पीड़ितों को समय पर मुआवजा दिलाने में भूमिका निभाएगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि फंड में पर्याप्त धनराशि बनी रहे।
जिला सड़क सुरक्षा कमेटियां 30 तक बनानी होंगी : जमीनी स्तर पर योजना को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 30 अप्रैल तक जिला सड़क सुरक्षा कमेटियों (डीआरएससी) के गठन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। कमेटी सड़क सुरक्षा से जुड़ी सभी गतिविधियां हर महीने की वेब पोर्टल पर डालेंगी।
क्या है हिट एंड रन?
हिट एंड रन मामले में टक्कर मारने वाला व्यक्ति वाहन के साथ मौके से भाग जाता है। मृतक के आश्रितों अथवा घायल को वाहन बीमा कंपनी मुआवजा देती है। सरकार भी इस मामले में मुआवजा देती है।
29 हजार की मौत
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 70 हजार हिट एंड रन हादसे हर वर्ष होते हैं। इसमें सालाना औसतन 28 से 29 हजार लोगों की मौत होती है। यानी रोज औसतन 78 लोग हिट एंड रन के शिकार हो रहे हैं।