देहरादून : कांग्रेस हाईकमान ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारी जता रहे नेताओं के दावों की पड़ताल कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व से सीटवार पिछले आंकड़ों और समीकरणों का विवरण मांगा है। अगले सप्ताह होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में टिकटों को लेकर स्थिति काफी हद तक साफ हो जाएगी। उत्तराखंड की पांच संसदीय सीटों पर कांग्रेस में करीब चालीस दावेदारों के नाम सामने आए हैं।
यह नाम प्रत्यक्ष आवेदन, खुली दावेदारी और पार्टी सर्वे के आधार पर स्क्रीनिंग कमेटी तक पहुंचे हैं। इसके तहत हरिद्वार और नैनीताल-यूएसनगर जैसी सीट पर अन्य तीन सीटों के विपरीत कई दावेदार सामने आने से मुकाबला दिलचस्प बनता जा रहा है। इस कारण कांग्रेस ने खाली दावों पर भरोसा करने के बजाय प्रत्येक सीट के पिछले चुनावी आंकड़ों और स्थानीय सामाजिक, राजनीतिक समीकरणों की पड़ताल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व से प्रत्येक सीट का डोजियर तैयार करने को कहा गया है।
कांग्रेस में सबसे दिलचस्प स्थिति हरिद्वार संसदीय सीट पर बन रही है। सूत्रों के मुताबिक, यहां पूर्व सीएम हरीश रावत की पहली पसंद उनके अपने बेटे वीरेंद्र रावत हो सकते हैं। वीरेंद्र खुद भी बीते कुछ समय से पूरे लोकसभा क्षेत्र में सक्रियता से काम कर रहे हैं। बेटे पर हाईकमान स्तर से सहमति नहीं बनने पर हरीश रावत खुद भी मैदान में उतर सकते हैं।
वहीं, कार्यकर्ता सर्वे में यहां से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का नाम सामने आने से मुकाबला रोचक बन गया है। मालूम हो कि पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी पहले यहां से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा कि अगर पार्टी आदेश देगी तो वह पीछे भी नहीं हटेंगे।