प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने 23 जुलाई की रात को निलंबित कर दिया। उन पर अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के गैंग से मिलीभगत और एक पीड़िता व उसके परिवार को धमकाने का गंभीर आरोप है। यह कार्रवाई मेरठ पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई, जो 2019 के एक मामले से जुड़ी है।
2019 का मेरठ मामला
मेरठ के सिविल लाइन थाने में तैनाती के दौरान अब्दुल रहमान सिद्दीकी पर एक हिंदू एयर होस्टेस के अपहरण और जबरन धर्मांतरण की शिकायत में लापरवाही बरतने का आरोप है। पीड़ित परिवार ने छांगुर गैंग के सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी पर उनकी बेटी को मॉडलिंग और बेहतर जीवन का लालच देकर फंसाने और अपहरण का आरोप लगाया था। सिद्दीकी ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही जांच की, बल्कि परिवार को धमकाकर थाने से भगा दिया।
छांगुर बाबा, जिसे यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है, का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। बदर अख्तर सिद्दीकी इस गैंग का अहम सदस्य है, जो हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए फर्जी हिंदू नामों (जैसे आरव, सैम, समीर अरोड़ा) का इस्तेमाल करता था। जांच में पता चला कि अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने बदर की मदद की और शिकायतों को दबाया।
आरोपों की गंभीरता
सिद्दीकी पर पीड़िता को धमकाने और अपने पद का दुरुपयोग कर चुप रहने की चेतावनी देने का आरोप है। मेरठ पुलिस और एटीएस की जांच में उनकी लापरवाही और संदिग्ध भूमिका सामने आई, जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने निलंबन की कार्रवाई की।
पुलिस विभाग में हड़कंप: सिद्दीकी को 26 जनवरी 2024 को बेहतर सेवा के लिए सम्मानित किया गया था और वे गाजियाबाद में क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने के प्रभारी रह चुके थे। इस घटना ने उनकी छवि को धूमिल किया और पुलिस विभाग की जवाबदेही पर सवाल उठाए।
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने मेरठ पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर सिद्दीकी को तत्काल निलंबित किया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने पुष्टि की कि सिद्दीकी के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी, और लापरवाही व संदिग्ध संबंधों की पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया। यूपी एटीएस और ईडी छांगुर गैंग के खिलाफ कार्रवाई में जुटी हैं। जांच में अन्य संदिग्ध अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है और कार्रवाई का दायरा नोएडा पुलिस तक बढ़ सकता है। पीड़ित परिवार ने बताया कि उनकी बेटी 2019 से लापता है और सिद्दीकी ने उनकी शिकायत को नजरअंदाज कर बदर अख्तर को बचाने की कोशिश की।
छांगुर गैंग का बैकग्राउंड
छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन बलरामपुर का रहने वाला है और धर्मांतरण, मनी लॉन्ड्रिंग, और विदेशी फंडिंग के जरिए करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने का आरोपी है। उसकी 40 कमरों वाली कोठी पर 8 जुलाई को बुलडोजर चला था। गैंग हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाता था। बदर अख्तर जैसे सदस्य फर्जी नामों से लड़कियों को निशाना बनाते थे। गैंग का नेटवर्क दुबई, थाईलैंड, कनाडा और अमेरिका तक फैला है, जहां से फंडिंग होती थी।
अब्दुल रहमान सिद्दीकी का निलंबन पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ चल रही कार्रवाई को और तेज कर सकता है। मेरठ पुलिस बदर अख्तर सिद्दीकी की तलाश में जुटी है, जिसे आखिरी बार सरूरपुर क्षेत्र में देखा गया था। योगी सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है, और शासन के निर्देश पर जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठा रहा है कि क्या अन्य अधिकारी भी इस तरह के रैकेट से जुड़े हो सकते हैं।