नई दिल्ली l दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है. सूर्य देव की बढ़ती तपिश ( Hot Weather ) लोगों का हाल बेहाल कर रही है. तेजी से बढ़ रहे तापमान ने लोगों की तौबा कर दी है. आलम यह है कि दोपहर होते-होते सड़कों पर कर्फ्यू जैसे हालात हो जाते हैं. वहीं, वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले दिनों तापमान में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिल सकती है. कुछ वैज्ञानिकों ने इसको जलवायु परिवर्तन यानी ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव बताया है. दरअसल, मौसम वैज्ञानिकों ( IMD ) की इस सोच के पीछे कुछ और नहीं, बल्कि हाल ही में की गई एक स्टडी है.
अंटार्कटिका में चल रही लू
दरअसल, एक स्टडी में सामने आया है कि जिस अंटार्कटिका को दुनिया का सबसे ठंडा इलाका माना जाता है, वहां भी अब लू चल रही हैं. यहां तापमान सामान्य से 40 डिग्री बढ़ गया है. 18 मार्च को अंटार्कटिका में माइनस 12 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जिसने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को गहरी चिंता में डाल दिया है. चिंता का सबसे बड़ा कारण यह है मार्च के महीने में यहां का तापमान माइनस 50 डिग्री के आसपास रहता है. आम तौर पर तापमान में 4 से 5 डिग्री का अंतर दर्ज किया जाता है, लेकिन इस बार यह फासला 40 डिग्री तक पहुंच गया है, जो एक बहुत बड़ा अंतर माना जा रहा है. आलम यह है कि अंटार्कटिका में जहां ठंड लोगों का खून जमा देती है, अब वहीं लोग अपने कमीज निकालकर घूम रहे हैं.
संकट में मानव जीवन
अंटार्कटिका के मौसम में तेजी से आया यह बदलाव कितना खतरनाक है? इस बात का अंदाजा वैज्ञानिकों की उस चेतावनी से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने बताया कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही धरती का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. जो धरती पर मानव जीवन को संकट में डाल सकता है.