जम्मू कश्मीर में चुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं। परिसीमन का काम पूरा हो गया और मतदाता सूची भी तैयार हो गई। नवंबर में ही बता दिया गया की मतदाता सूची का काम पूरा हो गया और करीब पौने आठ लाख नए वोट जुड़े हैं। पार्टियां मतदाता सूची देख कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगी और उस हिसाब से जरूरी बदलाव करके अंतिम सूची जारी हो जाएगी। भाजपा नेताओं ने बताना शुरू कर दिया है कि कब चुनाव होंगे। ध्यान रहे आजकल चुनाव आयोग से पहले भाजपा के नेता ही बता देते हैं कि कब चुनावों की घोषणा होगी और कब तक चुनाव की प्रक्रिय पूरी हो जाएगी। एकाध अपवादों को छोड़ दें तो ज्यादातर समय उनकी बात सही भी साबित हो रही है।
बहरहाल, भाजपा के महासचिव और जम्मू कश्मीर में चुनाव का कामकाज देख रहे तरुण चुघ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जो कहा है उसका लब्बोलुआब यह है कि मई में जम्मू कश्मीर में चुनाव हो सकता है। यानी जब पहाड़ पर बर्फ पिघलनी शुरू होगी तभी राजनीतिक बर्फ भी पिघलेगी और करीब चार साल से स्थगित राजनीतिक प्रक्रिया फिर शुरू होगी। चुघ पहले तेलंगाना के प्रभारी थे, जहां अगले साल चुनाव होना है। लेकिन वहां सुनील बंसल को प्रभारी बनाया गया है और चुघ को जम्मू कश्मीर भेजा गया है तो उससे भी लग रहा है कि तैयारियां चुनाव की दिशा में बढ़ रही हैं। हालांकि अब भी भाजपा के जानकार सूत्र इस मामले पर बहुत उत्साह नहीं दिखाने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव तभी होंगे जब भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त होगी। अगर स्थितियां अनुकूल होंगी और यह लगेगा कि राज्य में भाजपा अपना मुख्यमंत्री बना सकती है तभी चुनाव की घोषणा होगी अन्यथा मौजूदा व्यवस्था चलती रहेगी।