इंदौर l मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि खरगोन के सांप्रदायिक हिंसा के एक गिरफ्तार आरोपी के घर का कथित अतिक्रमण उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना नहीं हटाया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से यह बात ऐसे वक्त कही गई है, जब खरगोन हिंसा के बाद इस कस्बे में प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं. खरगोन हिंसा में कथित भूमिका के चलते गिरफ्तार फिरोज खान उर्फ सैजू की पत्नी फरीदा बी (45) ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए आशंका जताई कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर उनका घर उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ढहा सकता है.
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला के सामने गुरुवार को याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इस मामले में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना अतिक्रमण हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
आरोपी की पत्नी ने लगाई थी याचिका
राज्य सरकार की ओर से दिए गए इस आश्वासन के बाद अदालत ने 45 वर्षीय महिला की याचिका का निपटारा कर दिया. फरीदा बी के वकील अशहर वारसी ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि उनकी मुवक्किल के शौहर फिरोज खान को खरगोन हिंसा में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वारसी ने दावा किया कि खरगोन में प्रशासन का अमला फरीदा बी के घर बुलडोजर के साथ बुधवार को पहुंचा था और उसने वहां कथित अतिक्रमण हटाने का कदम उठाने की बात कही थी. हालांकि, उन्होंने बताया कि ,‘‘खरगोन के तवड़ी मोहल्ले में करीब 1,800 वर्ग फुट पर बने इस घर का अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन ने मेरी मुवक्किल को कोई नोटिस नहीं दिया है.’’
खरगोन के प्रभारी पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा निकलने के बाद हुए हिंसा के मामले में गिरफ्तार फिरोज खान उर्फ सैजू पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि खान पर हिंसा के दौरान पथराव के लिए लोगों को उकसाने का आरोप है.