शिमला : क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में शातिर पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर थे। ईडी ने अगस्त महीने में मंडी थाने को पत्र लिखकर 21 शातिरों की जानकारी मांगी थी। इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इन शातिर महिलाओं में पंजाब के जीरकपुर की एक, हमीरपुर की 2, ऊना की एक और एक बद्दी निवासी शामिल हैं। आरोपी कोर्वियो, वॉस्क्रो और हाइपेनेक्सट स्कीमें चलाकर लोगों को पैसे लगाते थे। सूची में मुख्य आरोपी सुभाष का नाम सबसे ऊपर पर है।
पुलिस एसआईटी की ओर से गिरफ्तार हेमराज का नाम दूसरे नंबर है। तीसरे नंबर पर अभिषेक शर्मा है, जो ऊना का रहने वाला बताया जा रहा है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहा है। अब तक पुलिस एसआईटी ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी सुभाष पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस एसआईटी ओर से इन आरोपियों की संपत्तियों की जांच की जा रही है।
अब तक इस मामले में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। कई फर्जी सोसाइटियां पुलिस के निशाने परहिमाचल में कई ऐसी फर्जी सोसायटियां हैं, जो एसआईटी के निशाने पर हैं। ये फर्जी सोसाइटियां भी लोगों को पैसा दोगुना करने का झांसा दे रही हैं। वहीं पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर ऐसे लोगों के झांसे में न आने की अपील की है। मोबाइल पर तरह-तरह के मैसेज आ रहे हैं। आनलाइन फर्जी वेबसाइटें भी चल रही हैं। ये शातिर लोगों को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं।
उधर, कर चोरी करने वाले अब उत्तराखंड के बिल पर सामान बद्दी पहुंचा रहे हैं। इस गोरखधंधे से कर की चोरी की जा रही है। ऐसा ही एक मामला राज्य कर एवं आबकारी विभाग की टीम ने नालागढ़ के ढेरोंवाल में पकड़ा। इसमें ट्रक में लदे सामान का बिल उत्तराखंड के हरिद्वार का था, लेकिन उसे चोरी-छिपे ढेरोंवाल के रास्ते नालागढ़ और बद्दी पहुंचाया जा रहा था। विभाग ने ट्रक को कब्जे में लेने के बाद सामान के संचालक से 9 लाख 18 हजार 180 रुपये का जुर्माना वसूल किया है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने ढेरोंवाल में नाका लगा था। इस दौरान एक ट्रक को तलाशी के लिए रोका। इस ट्रक की जांच करने पर साबुन बनाने का कच्चा सामान मिला।
सामान का बिल तथा ई-वे बिल नालागढ़ और बद्दी का न हो कर हरिद्वार (उत्तराखंड) का था। यह सामान गुजरात से हरिद्वार के लिए चला लेकिन सामान हरिद्वार न पहुंच कर बद्दी लाया जा रहा था। सामान की कीमत 25 लाख 50 हजार 492 रुपये थी। इस पर विभाग ने 9 लाख 18 हजार 180 रुपये जुर्माना लगाया। राज्य कर एवं आबकारी विभाग बद्दी के उप आयुक्त प्रीतपाल सिंह ने बताया कि सहायक आयुक्त पंकज सूद, सहायक राज्य कर व आबकारी अधिकारी कृष्णा देवी की टीम ने यह कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल से पचास हजार व उसके अंदर की राशि का सामान को आनलाइन ई-वे बिल पोर्टल पर घोषित करना अनिवार्य है। यदि सामान को ऑनलाइन घोषित नहीं किया तो गाड़ी को चेक करने पर उस सामान की कीमत पर धारा 129 व 130 जीएसटी एक्ट के तहत जुर्माने का प्रावधान है।