स्पेशल डेस्क/अहमदाबाद : 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (SVPIA) के पास एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (अहमदाबाद से लंदन गैटविक) के टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, सुरक्षा और आपातकालीन उपायों के चलते अहमदाबाद हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 से अहमदाबाद जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। यह निर्णय विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को प्राथमिकता देने और हादसे के बाद की स्थिति को संभालने के लिए लिया गया।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों (230 यात्री और 12 क्रू मेंबर, जिसमें 2 पायलट) को लेकर लंदन जा रही थी, टेकऑफ के 5 मिनट बाद मेघानीनगर के रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई। विमान ने 1:38 बजे दोपहर को टेकऑफ किया और 625 फीट की ऊंचाई पर सिग्नल खो दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान ने “MAYDAY” कॉल जारी किया, जो आपातकाल का संकेत है, लेकिन इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क टूट गया।
उड़ान संचालन पर प्रभाव
हादसे के बाद, अहमदाबाद हवाई अड्डे पर सभी उड़ान संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। दिल्ली से अहमदाबाद जाने वाली कई उड़ानें, जिनमें इंडिगो, अकासा एयर, जापान एयरलाइंस, और क्वांटास की उड़ानें शामिल थीं, रद्द कर दी गईं। इंडिगो ने तीन उड़ानें और अकासा एयर ने दो उड़ानें रद्द कीं।
एयरलाइंस ने यात्रियों को सलाह दी कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें। प्रभावित यात्रियों के लिए पूर्ण रिफंड और रिबुकिंग विकल्प प्रदान किए गए। इंडिगो ने सोशल मीडिया पर एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की, जिसमें प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और रिबुकिंग/रिफंड की जानकारी दी। बाद में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घोषणा की कि “अहमदाबाद हवाई अड्डा फिर से चालू हो गया है, और उड़ान सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। हालांकि, रद्दीकरण और देरी के कारण यात्रियों को अभी भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
हवाई अड्डे का अस्थायी बंद
हादसे के तुरंत बाद, सुरक्षा और जांच के लिए अहमदाबाद हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया। यह निर्णय आपातकालीन सेवाओं को बचाव कार्यों में सहायता प्रदान करने और हवाई अड्डे की रनवे स्थिति की जांच करने के लिए लिया गया।
दिल्ली से अहमदाबाद के लिए सभी उड़ानों को रद्द करना एक त्वरित और सावधानीपूर्ण कदम था, ताकि हवाई यातायात को नियंत्रित किया जा सके और बचाव कार्यों में कोई बाधा न आए। यह निर्णय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, हवाई अड्डा प्राधिकरण, और एयरलाइंस के समन्वय से लिया गया। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने हादसे की जांच शुरू कर दी है, और बोइंग की तकनीकी टीम भी जांच में शामिल हो सकती है। हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त किया गया है।
प्रतिक्रियाएं और राहत कार्य
हादसे के बाद, एनडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय अग्निशमन दलों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया, और गुजरात सरकार ने सभी चिकित्सा सुविधाओं को हाई अलर्ट पर रखा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और पुलिस आयुक्त से बात की, और केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थिति की निगरानी की और प्रभावित लोगों के लिए संवेदना व्यक्त की।
एयर इंडिया ने एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर (1800 5691 444) जारी किया ताकि प्रभावित यात्रियों के परिवार जानकारी प्राप्त कर सकें। टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने हादसे पर दुख व्यक्त किया और प्रभावित लोगों के लिए समर्थन की घोषणा की।
प्रभाव और चिंताएं
दिल्ली-अहमदाबाद मार्ग पर उड़ान रद्द होने से हजारों यात्रियों को असुविधा हुई। एयरलाइंस ने यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने की कोशिश की, लेकिन अचानक रद्दीकरण ने यात्रा योजनाओं को प्रभावित किया। यह हादसा, जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला दर्ज क्रैश है, भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका है। 2024 में एक इंजीनियर द्वारा बोइंग की विनिर्माण प्रक्रिया में “शॉर्टकट” की चेतावनी के बाद यह हादसा और भी गंभीर सवाल उठाता है।
उड़ानों का रद्द होना त्वरित सुरक्षा
हालांकि अहमदाबाद हवाई अड्डा अब चालू हो गया है, लेकिन उड़ान संचालन पूरी तरह सामान्य होने में समय लग सकता है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें और एयरलाइंस से संपर्क में रहें। हादसे की जांच से इसके कारणों का पता लगेगा, जिसमें तकनीकी खराबी, पायलट की प्रतिक्रिया, या बाहरी कारक जैसे पेड़ या दीवार से टकराने की संभावना शामिल है।
दिल्ली से अहमदाबाद की उड़ानों का रद्द होना एक त्वरित सुरक्षा उपाय था, जो हादसे के बाद की स्थिति को संभालने और जांच को सुचारू रूप से चलाने के लिए लिया गया।