नई दिल्ली l जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर जारी प्रशासनिक गतिविधियां जारी है। हाल ही में जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 90 विधानसभा सीटें बनाई गई है। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भेजा गया है। जहां से स्वीकृति मिलने के बाद जम्मू कश्मीर का नया राजनीतिक नक्शा तैयार हो जाएगा। चुनाव को लेकर जारी प्रशासनिक कवायद के बीच सियासी रस्साकशी भी शुरू हो गई है।
भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कॉफ्रेन्स, पीडीपी सहित अन्य राजनीतिक दलें अपनी तैयारी में जुट गई है। इस बीच कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने राज्य प्रभारी के सामने ही ऐसा बयान दे दिया कि पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर की प्रभारी और राज्यसभा सांसद रजनी पटेल को पार्टी की हालात जानने-परखने के लिए कश्मीर भेजा है। जहां वो पार्टी के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत कर पार्टी की वजूद को समझने की कोशिश कर रही है।
पार्टी कार्यकर्ताओं से चल रही बातचीत के दौरान ही रजनी पटेल के सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट ने कहा कि यदि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में एक भी सीट जीत जाती है तो मुझे लाल चौक पर गोली मार देना। भट ने अपने बयान के साथ कहा कि कांग्रेस का आधार राज्य में खत्म होता जा रहा है। उन्होंने रजनी पटेल से कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाब नबी आजाद को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की।
भट ने साफ कहा कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस गुलाब नबी आजाद के बगैर जीरो है। आजाद साहब ने बहुत लोगों को बनाया है। यदि कांग्रेस आजाद साहब को कश्मीर में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करती है तो निश्चित तौर पर हमारी सरकार बनेगी। बताते चले कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कश्मीर से आते है। लेकिन लंबे समय से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं। उन्हें जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कांग्रेस के कश्मीरी कार्यकर्ता कर रहे हैं। प्रभारी के सामने बयान देने वाले पार्टी के पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट को गुलाब नबी आजाद का करीबी बताया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर की भदरवाह विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद गुलाम नबी आजाद 2005-2008 में राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे थे। हालांकि इसके बाद कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर राज्य की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी है। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद राज्य में भाजपा ने अपना जनाधार बढ़ाया है। स्थानीय पार्टी के गठबंधन से भाजपा राज्य में सरकार भी बना चुकी है।