शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। चिन्मयानंद को 2011 में शिष्या द्वारा दर्ज कराए गए दुराचार के मुकदमे में गुरुवार को शाहजहांपुर की एसीजेएम थर्ड कोर्ट में पेश होना था लेकिन वह पहुंचे नहीं। इसके बाद कोर्ट ने धारा 82 की कार्रवाई कर चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया।
2011 में स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुराचार का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की सुनवाई एसीजेएम थर्ड कोर्ट में चल रही थी। 2011 से लेकर 2022 तक चिन्मयानंद एक भी पेशी पर कोर्ट नहीं गए। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।
चिन्मयानंद तब भी कोर्ट नहीं पहुंचे, इसके बाद गुरुवार को कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया। अब थानों और मुमुक्षु आश्रम में चिन्मयानंद की फरारी का नोटिस चस्पा किया जाएगा। इसके बाद भी अगर चिन्मयानंद कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई हो सकती है।
चिन्मयानंद के इस मुकदमे को खत्म करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 2017 में पहल की गई थी लेकिन तब मामले की वादिनी उनकी शिष्या ने आपत्ति कर दी थी। कोर्ट ने भी मुकदमा वापसी से इनकार कर दिया था।
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बाद में शिष्या ने तो चिन्मयानंद के पक्ष में बयान दे दिया लेकिन कोर्ट ने मुकदमा वापस लेने से इनकार कर दिया। चिन्मयानंद मुकदमा समाप्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था।