नई टिहरी। प्रख्यात गो कथा वाचक संत गोपालमणि ने कहा कि गो को राष्ट्रीय माता का दर्जा संविधान के तहत दिया जाना चाहिए। कोविड काल के बाद अब आगामी 20 नवंबर, 2023 को दिल्ली में गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाये जाने को गो भक्तों की वृहत रैली व सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।
नई टिहरी में गो कथा के आयोजन में पहुंचे कथा वक्ता ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि गाय की दुर्दशा के लिए सरकारें ज्यादा जिम्मेदार हैं, यदि सरकारें गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दे दें, तो गाय की दुर्दशा खत्म होगी। उन्होंने कहा कि गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के बजाय कई धार्मिक संगठन राष्ट्रीय पशु गाय घोषित करने की मांग करते हैं, जो सरासर गलत है। गाय पशु नहीं है। गाय को वैदिक काल से ही माता का दर्जा प्राप्त रहा है। गाय को पशु का दर्जा दिया जाने के पीछे वैदिक संस्कृति को समाप्त करने देने वालों की नीयत रही है। गो और गंगा हमेशा ही माता के रूप में पूजे जाते रहे हैं। गो और गंगा को साधारण रूप में लेना ही समाज के लिए ठीक नहीं है। कहा कि गो के महत्व को देखते हुये उन्होंने धेनु मानस कथा का वाचन शुरू किया, कहा कि धेनु मानस की प्रेरणा से ही वे पूरे देश में 337 गो शालायें स्थापित करने में सक्षम हुये हैं।
गाय को उसका सम्मान दिलाना मकसद है। जिसके लिए गो संवर्द्धन के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। गो और गंगा की की महत्ता को देखते हुये गो को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने की संघर्ष जारी रहेगा। गो से मिलने वाले गोबर व गो मूत्र के उत्पादों को बढ़ाने की मांग भी की है। छत्तीसगढ़ सरकार गोबर दो रुपये किलो खरीद कर गोबर के उत्पादों को बढ़ाने का काम कर रही है। इस मौके पर डीसीडीएफ के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद नौटियाल भी मौजूद रहे।