खरीदार ्भी आए, लेकिन युवती की हालत नाजुक देख पीछे हट गए
गाजियाबाद ,19 जून (आरएनएस)। युवती के साथ हैवानियत करने वाले दरिंदों के मंसूबे बेहद खौफनाक थे। वह न सिर्फ उसका शरीर नोंचना चाहते थे, बल्कि दरिंदगी के बाद उसे बेचने की फिराक में भी थे। आरोपियों द्वारा संपर्क करने पर दो खरीदार भी आ गए, लेकिन युवती की हालत नाजुक देख वह पीछे हट गए। आरोपी युवती को बेचने के लिए किसी और ग्राहक से संपर्क करते, इससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पीडि़त युवती की मां का कहना है कि आरोपियों ने दो दिन तक उनकी बेटी को जंगल में रखकर गैंगरेप किया और फिर एक आरोपी की बहन के घर ले जाकर दरिंदगी की। आरोपियों ने उनकी बेटी के शरीर को दांतों से बुरी तरह काटा और बीड़ी-सिगरेट से उसे दागा भी। इसके बाद आरोपियों ने उनकी बेटी को बेचने की योजना बनाई। दो लोग उनकी बेटी को खरीदने आए थे।
आरोपियों ने उनसे दो लाख रुपये मांगे, लेकिन उनकी बेटी की हालत इतनी नाजुक थी कि खरीदारों ने इनकार कर दिया। इसके बाद आरोपी अन्य ग्राहक तलाशने लगे, लेकिन इसी बीच पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपियों को धर-दबोचा। पीडि़त युवती ने बताया कि आरोपी पहले तो उसे बेचने की बात कर रहे थे, लेकिन जब खरीदारों ने इनकार कर दिया तो वह उसे मौत के घाट उतारने की बात करने लगे।
हालत देखकर अस्पताल का स्टाफ भी रोया
युवती की मां का कहना है कि आरोपियों ने उनकी बेटी के साथ इस कदर दरिंदगी की कि वह ढाई महीने बाद भी शारीरिक कष्ट झेल रही है। दो-दो ऑपरेशन होने के चलते वह चलने-फिरने में भी असमर्थ है। उनका कहना है अस्पताल ले जाने पर उनकी बेटी की हालत देखकर नर्सें भी रो पड़ी थीं। साथ ही डॉक्टरों ने भी अफसोस जाहिर किया था। पीडि़त युवती की मां का कहना है कि घटना का उनकी बेटी पर मानसिक असर पड़ा है। अस्पताल में उपचार के दौरान भी चीखती-चिल्लाती रहती थी।
पुलिस से यह सवाल पूछ रहा पीडि़त परिवार
आधी रात को युवती को आधार कार्ड लाने के लिए मजबूर क्यों किया। बिना आधार कार्ड के युवती के मां व भाई को नहीं छोड़ा जा सकता था तो युवती के न लौटने पर दोनों को कैसे छोड़ दिया गया। पुलिस को कैसे पता चला कि उसका अपहरण हो गया है और उसे कहां रखा गया है।