मुरार सिंह कंडारी
नई दिल्ली : महाराष्ट्र सदन में दस दिवसीय गणेशोत्सव आज कोल्हापुर की सिद्धेश्वर झांझ मंडली द्वारा ढोल-नगाड़ों और झांझ-मंजीरों की ध्वनि और ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयघोष के साथ भावपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। विसर्जन के दिन, महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने गणेश आरती की। गणेश जी को विदाई देने के लिए कोपरनिकस मार्ग पर एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस वर्ष, दिल्ली के मराठी बंधु विशेष रूप से उत्साहित थे क्योंकि गणेशोत्सव को महाराष्ट्र में राजकीय उत्सव का दर्जा दिया गया था। इस उत्सव ने दिल्ली में मराठी संस्कृति और पर्यावरण जागरूकता की छाप छोड़ी।
स्थानिक आयुक्त एवं सचिव आर. विमला के मार्गदर्शन में, महाराष्ट्र सदन स्थित सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रमोद कोलपाटे और उनके सदस्यों ने इस उत्सव का सफलतापूर्वक आयोजन किया। 27 अगस्त को सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने विधिवत रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। इस दस दिवसीय उत्सव में भक्ति, सांस्कृतिक उत्सव, सामाजिक गतिविधियों और पर्यावरण जागरूकता का अनूठा संगम देखने को मिला।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
उत्सव के दौरान, महाराष्ट्र सदन में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने रंग जमा दिया। इनमें दीपाली काले का ‘कलारंग’, देबू मुखर्जी का हिंदी गीत कार्यक्रम, डॉ. पं. संजय गरुड़ की ‘संतवाणी’, मराठी-हिंदी नृत्य प्रस्तुति, नितिन सरकटे का भक्ति गीत कार्यक्रम और नागपुर की ‘सुर-संगम’ संस्था के सचिन ढोमने और सुरभि ढोमने की संगीतमय प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। धनंजय जोशी के भक्ति गीतों ने भी दर्शकों का दिल जीत लिया।
सांसद धनंजय महादिक के सौजन्य से कोल्हापुर की सिद्धेश्वर झांझ टीम ने ढोल-ताशा, लाठी-काठी, दंडपट्टा जैसे पारंपरिक आउटडोर खेलों के साथ-साथ लेज़िम और झांझ वादन के माध्यम से पर्यावरण प्रदर्शन प्रस्तुत कर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इस टीम के बालक-बालिकाओं के उत्साहपूर्ण प्रदर्शन और पर्यावरण संदेश ने सभी को प्रभावित किया। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इस टीम के कलाकारों का विशेष रूप से अभिनंदन किया।
गणमान्य व्यक्तियों का आगमन
गणेशजी के दर्शन हेतु महाराष्ट्र सदन में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इनमें सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे, सांसद धनंजय महादिक, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले, महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, दिल्ली सरकार के केविनिट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोक्कालिंगम, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, भारत में बुल्गारिया के राजदूत निकोलाई यान्कोव और उनका प्रतिनिधिमंडल, राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव नंदिनी आओडे शामिल थे। दिल्ली में विभिन्न राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नरों ने भी मराठी संस्कृति का अवलोकन किया और उसकी सराहना की।
विसर्जन जुलूस में ढोल और झांझ
विसर्जन के दिन, कोल्हापुर की सिद्धेश्वर झांझ मंडली द्वारा ढोल और झांझ की थाप और लेज़िम-झांझ की लय के साथ एक भव्य जुलूस निकाला गया। इस जुलूस ने दिल्ली की सड़कों पर मराठी संस्कृति का उत्साहपूर्ण आनंद बिखेरा। मंडली द्वारा प्रस्तुत पर्यावरणीय प्रदर्शनों ने जुलूस में एक सामाजिक संदेश भी जोड़ा।
स्वयं सहायता समूहों की हस्तशिल्प दीर्घा
स्थानिक आयुक्त आर. विमला द्वारा परिकल्पित स्वयं सहायता समूहों की हस्तशिल्प दीर्घा ने उत्सव में विशेष रंग भर दिया। नासिक, बीड और पालघर के समूहों ने खादी, बाटिक, बांधनी, वारली चित्रकला, चमड़े के उत्पाद, आभूषण और पारंपरिक खाद्य पदार्थ प्रस्तुत किए। सुजाता जाधव और धनश्री के कोंकणी उकड़ी मोदक और बटाटा वड़े लाइव किचन के विशेष आकर्षण रहे। अमृतवाला महिला समूह, सावित्रीबाई फुले समूह, विराज खादी एंटरप्राइज, वारली आर्ट ग्रुप, रंजना जाधव, यास्मीन शेख और जयप्रकाश सी. हनवंते के उत्पादों को दिल्लीवासियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इस स्टॉल ने स्थानीय कारीगरों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान किया।
सामाजिक गतिविधियाँ
उत्सव वनराय फाउंडेशन और महाराजा अग्रसेन अस्पताल चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से 3 और 4 सितंबर को एक निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और नेत्र जाँच जैसी सुविधाओं का लाभ अनेक लोगों को मिला।
स्थानिक आयुक्त आर. विमला ने महोत्सव की सफलता के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से अतिरिक्त स्थानिक आयुक्त नीवा जैन, सहायक स्थानिक आयुक्त स्मिता शेलार को उनके सहयोग के लिए, महाराष्ट्र परिचय केंद्र की उपनिदेशक मनीषा पिंगले, सूचना अधिकारी अंजू निमसरकार को प्रचार-प्रसार के लिए और महाराष्ट्र सुरक्षा बल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सुरक्षा व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष भी यह महोत्सव इसी उत्साह और सामाजिक संदेश के साथ मनाया जाएगा।