विकासनगर। हौसलें अगर बुलंद हों तो मंजिलें आसान हो जाती हैं। कुछ कर गुजरने का जज्बा अगर हममें हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता। लगन, मेहनत, अनुभव और गांव के परंपरागत खेलों के माध्यम से भी राष्ट्रीय फलक पर सितारे चमक सकते हैं। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है जौनसार बावर और पछुवादून की बेटियों ने। बेटियों ने पहली नेशनल सितोलिया (पिठ्ठू) चैंपियनशिप में उत्तराखंड की ओर से खेलते हुए खिताब अपने नाम किया। इतना ही नहीं चैंपियनशिप की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब भी उत्तराखंड की खिलाड़ी के नाम रहा। उत्तराखंड की पूरी टीम में जौनसार बावर और पछुवादून की खिलाड़ी ही शामिल थीं।
सितोलिया (पिठ्ठू) को इसी वर्ष राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिला है। सितोलिया एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से इसकी पहली राष्ट्रीय चैंपियनशिप 9 से 12 जून तक राजस्थान के जयपुर में संपन्न कराई गई। प्रतियोगिता के तहत पुरुष वर्ग में बीस और महिला वर्ग 18 टीमों ने प्रतिभाग किया। कटापत्थर निवासी माधुरी राणा की कप्तानी उत्तराखंड की महिला टीम जयपुर पहुंची। तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित नहीं होने और सभी खिलाड़ियों के पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के बावजूद खिलाड़ियों ने अपनी लगन, मेहनत के दम पर प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में जगह बनाई। फाइनल में उत्तराखंड की टीम के सामने मेजबान राजस्थान की टीम सामने थीं। राजस्थान पर उत्तराखंड की बेटियां भारी साबित हुईं और पहली राष्ट्रीय चैंपियनशिप अपने नाम कर देश भर में पछुवादून, जौनसार बावर के साथ ही पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। उत्तराखंड की टीम ने जीत दर्ज करने के साथ ही राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में भी अपना नाम दर्ज करा दिया। उत्तराखंड की टीम में जौनसार के सिमोग गांव निवासी तनु को बेस्ट प्लेयर ऑफ सीरीज के अवार्ड से नवाजा गया।