इटावा l उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले राजनीतिक दल अपनी ताकत झोंकने में जुटे हैं. चुनाव प्रचार के इसी क्रम में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इटावा में प्रभावी मतदाता संवाद सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान नड्डा ने विपक्षी दल खासकर समाजवादी पार्टी पर जमकर जुबानी हमले किए. उन्होंने कहा कि अकेली भाजपा ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो विचारों के आधार पर चलती है. बाकी सभी राजनीतिक पार्टियां परिवारवाद, वंशवाद की पार्टियां बन गई हैं.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, भाजपा ऐसा दल है जो ये दम के साथ कह सकती है- जो कहा था, वो किया है. जो कहेंगे, वो करेंगे. सपा ऐसा कह सकती है क्या? उन्होंने कहा था विकास करेंगे, लेकिन लाए माफियाराज. कहा था कि हम कानून व्यवस्था सुधारेंगे, लेकिन रेत माफिया, खनन माफिया, आतंकियों को समर्थन किया.
बीजेपी ने यूपी की तस्वीर बदली
अपने भाषण में नड्डा ने आगे कहा कि पहले की सरकारें योजना का शिलान्यास करके भूल जाती थीं. योजनाएं फाइलों में धूल खाती थीं. कोई काम नहीं होता था. आज उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है. यहां हाईवे, एक्सप्रेस-वे बने हैं. हम जिसका शिलान्यास करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं.
इत्र छिड़कने सुगंध नहीं आएगी
बीजेपी नेता ने कानपुर के इत्र कारोबारी से सपा के रिश्तों को लेकर भी तंज किया. नड्डा ने कहा कि हम लोगों के विकास के लिए काम करते हैं, लेकिन वो लोग इत्र छिड़कते हैं. गलत काम करने पर कितना भी इत्र छिड़क लो, लेकिन सुगंध नहीं आएगी. आज अखिलेश जी के दो नेता जेल में हैं. कुछ लोग जेल से चुनाव लड़ रहे हैं, कुछ लोग बेल पर चुनाव लड़ रहे हैं.
किसान नेता बनने की कोशिश
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कभी किसानों का भला नहीं किया वो लोग आजकल मुट्ठी में अनाज लेकर घूम रहे हैं. बहुत लोगों ने किसान नेता बनने की कोशिश की, बहुत लोगों ने अपने आप को किसान नेता कहलवाया, लेकिन जो काम किसानों के लिए मोदी जी ने किया वो किसी ने नहीं किया है.
पहले की सरकारों में जातिवाद हावी था
नड्डा ने आगे कहा, यूपी में सपा आती थी तो किसी एक जाति का प्रभाव रहता था, बसपा आए तो किसी दूसरी जाति का प्रभाव रहता था.लेकिन पिछले 5 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हुआ है. उत्तर प्रदेश आज निवेश की पहली पसंद बन रहा है. अखिलेश जी के शासन में ये हो सकता था क्या? तब उद्योग बंद हो रहे थे. आप क्या चाहते हैं, यूपी में निवेश हो, या यहां के उद्योग बंद हों?