गहरे आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहे अमेरिका के लिए थोड़ी राहत नजर आ रही है. क्योंकि कर्ज संकट को लेकर बाइडेन प्रशासन और मैक्कार्थी के बीच जमी तल्खी की बर्फ पिघलता नजर आ रही है. दोनों के बीच रविवार को हुई मीटिंग के बाद डेट लिमिट को बढ़ाने पर सहमति बन गई है. हालांकि, इस मामले पर वोटिंग भी हो सकती है. संभव है कि 31 मई को अमेरिकी संसद यानी US कॉन्ग्रेस में इस पर वोटिंग हो. क्योंकि 1 जून के पहले कर्ज सीमा बढ़ाने की डेडलाइन खत्म हो रही है.
जो बाइडेन प्रशासन के लिए राहत
अमेरिका को कर्ज संकट से निपटने के लिए जो बाइडेन और मैक्कार्थी कर्ज सीमा बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं. US के दोनों पक्षों के बीच रविवार को कर्ज सीमा पर सहमति बनी. अब 31 मई को US कांग्रेस में डील पर वोट डाले जा सकते हैं. इसके तहत अगले 2 साल के लिए US की कर्ज सीमा को बढ़ा दी जाएगी. बता दें कि अमेरिका में 1960 से अब तक कर्ज की सीमा में 78 बार बदलाव किए जा चुके हैं.
ये डेट सीलिंग क्या है?
सरकार अपने खर्च को चलाने के लिए कर्ज लेती है. ये रकम अमेरिकी कांग्रेस यानी संसद तय करती है. दुनिया के कई देशों का बजट घाटे में चलता है. यानी टैक्स से जितनी आमदनी होती है उससे ज्यादा खर्चे होते हैं. इस बिल का पेमेंट करने के लिए सरकार कर्ज लेती है. अमेरिका में ये एक सामान्य प्रक्रिया है. हालांकि, इकोनॉमी के लिहाज से कर्ज की सीमा तय होती है.
आखिर डेट सीलिंग का संकट क्यों?
डेट सीलिंग को लेकर बाइडन प्रशासन को शुरुआत में विपक्षी सांसदों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. क्योंकि अमेरिका में कर्ज की सीमा को बढ़ाने के बदले कई शर्तें रखी जा रही. इस पर विपक्षी सांसदों की शर्ते मानने को सत्ताधारी डेमोक्रेट तैयार नहीं, जिससे डेट सीलिंग का संकट पैदा हो गया. हालांकि, मैक्कार्थी और बाइडेन के बीच सहमति से राहत के आसार नजर आ रहे हैं.
US की रेटिंग डाउनग्रेड होने से बॉन्ड की कीमतें बढ़ेंगी
डेट सीलिंग के संकट के चलते US की रेटिंग निगेटिव वॉच पर पहुंच गई. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने US की AAA रेटिंग को निगेटिव वॉच पर रख दिया. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका की रेटिंग को निगेटिव वॉच पर रखा है. इससे पहले 2013 में कर्ज सीमा को लेकर फिच ने निगेटिव वॉच पर रख चुका है. अगर रेटिंग डाउनग्रेड हुआ तो US बॉन्ड की कीमतें बढ़ेंगी.