बेंगलुरु l कर्नाटक से स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनकर जाने का मसला सुलझा भी नहीं है कि एक नया विवाद खड़ा हो गया। शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दिख रहा है कि कुछ छात्र क्लास के अंदर ही नमाज पढ़ रहे हैं। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में इस वीडियो को दक्षिण कन्नड़ जिले के एक सरकारी स्कूल का बताया जा रहा है। इस मामले पर कर्नाटक सरकार की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मगर वायरल वीडियो पर विवाद बढ़ गया है और सोशल मीडिया पर इसको लेकर नई बहस छिड़ गई है।
शिकायत के बाद जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीडियो 4 फरवरी का है जो अब वायरल हुआ है। सरकारी स्कूल में इस तरह क्लास के अंदर नमाज का वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस में इसकी शिकायत की है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल का दौरा भी किया। स्कूल प्रशासन का कहना है कि वीडियो सामने आने के बाद छात्रों को सख्त हिदायत दी गई है कि क्लास के अंदर किसी तरह की धार्मिक गतिविधि न की जाए।
कर्नाटक के पीयू कॉलेजों में 15 फरवरी तक बढ़ीं छुट्टियां
हिजाब विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में छुट्टियां 15 फरवरी तक बढ़ा दी हैं। हिजाब को लेकर बढ़ते विवाद के बीच राज्य सरकार ने 9 फरवरी से इन कॉलेजों को बंद कर दिया था और उन्हें 14 फरवरी को खोला जाना था। सरकार ने 16 फरवरी तक डिग्री और डिप्लोमा कॉलेजों को भी बंद रखने का आदेश दिया है। सरकार ने अपने आदेश में कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के एहतियाती कदम के तौर पर यह फैसला लिया गया है।
टीचर के खिलाफ पैरंट्स ने खोला मोर्चा, स्कूल ने किया बर्खास्त
उधर शनिवार को ही कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित एक स्कूल में भी जमकर ड्रामा हुआ। मुस्लिम छात्रों के माता-पिता ने प्रिंसिपल पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। स्कूल प्रबंधन ने एक टीचर शशिकला को बेवजह परेशानी पैदा करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया। घटना बेंगलुरु के चंद्र लेआउट इलाके में स्थित विद्यासागर इंग्लिश स्कूल की है। बड़ी संख्या में एकत्र हुए माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनके बच्चों का गणित की एक महिला टीचर शशिकला ने अपमान किया है, जिन्होंने उनके धर्म, हिजाब और अन्य धार्मिक प्रथाओं के बारे में गलत बात की है। विवाद बढ़ता देख सीओ और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और टीचर, छात्रों और उनके माता-पिता से बात कर मामले को शांत कराया।