बेंगलुरु l कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सिद्धारमैया ने कहा है कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है और ना ही ऐसा होने देंगे। सिद्धारमैया ने बीजेपी पर गैर हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ सांस्कृतिक आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाते हुए ये बात कही। सिद्धारमैया दरअसल गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने आधिकारिक भाषा की बात कही थी। गृहमंत्री ने गुरुवार को कहा था कि किसी और भाषा की बजाय हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए।
आधिकारिक भाषा में काम करना चाहते हैं पीएम मोदी
संसद की आधिकारिक भाषा कमेटी को संबोधित करते हुए अमित शाह ने ये बात कही थी। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया है कि सरकार के कामकाज को आधिकारिक भाषा में किया जाए, इससे हिंदी की महत्ता निश्चित तौर पर बढ़ेगी। अमित शाह ने ये भी कहा था कि सरकार का 70 फीसदी एजेंडा हिंदी में बनता है। अब समय आ गया है कि आधिकारिक भाषा हिंदी को देश की एकता का जरूरी हिस्सा बना दिया जाए।
हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी नहीं ना होने देंगे
गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने अमित शाह पर अपनी मातृभूमि के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- राजनीतिक एजेंडे के लिए हिंदी को तरजीह देकर गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी मातृभाषा गुजराती से गद्दारी की। सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा- बतौर कन्नड़ भाषी मैं आधिकारिक और बातचीत की भाषा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मैं कड़ी निंदा करता हूं। हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है और ना ही हम कभी ऐसा होने देंगे। उन्होंने कहा-भाषायी विविधता हमारे देश की पहचान रही है इसलिए हमें एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। विविधता में एकता के मंत्र से ही पूरा देश एकजुट है, बीजेपी अगर इसे तोड़ने की कोशिश करेगी तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।
राज्यों को मिले भाषायी और सांस्कृतिक आजादी
सिद्धारमैया ने कहा- कर्नाटक को जोड़े रखने के लिए कवियों, लेखकों और अभिनेताओं और कर्नाटक के एकीकरण को लेकर चलाए गए आंदोलन को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और उसकी हमेशा रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि ये समय बीजेपी के लिए समझने का है कि राज्यों को भाषायी और सांस्कृतिक आजादी मिलनी ही चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि ऑल इंडिया लेवल पर जो एग्जाम लिए जाते हैं उसमें भी स्थानीय भाषाओं को जगह मिलनी चाहिए। अमित शाह पर तंज कसते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि अमित शाह की जड़ें गुजरात से है जहां महात्मा गांधी ने जन्म लिया लेकिन वो व्यवहार सावरकर की तरह करते हैं।