नूंह: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद रुकी शोभायात्रा को एक बार फिर से निकालने की कवायद चल रही है. आयोजकों का कहना है कि ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा एक ऐतिहासिक यात्रा है जो 31 जुलाई को हुए हिंसक हमलों की वजह से अधूरी रह गई थी. अब यह यात्रा 28 अगस्त को मेवात के सर्व हिंदू समाज के की ओर से निकाली जाएगी. उनका कहना है कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने इस यात्रा को एक संगठित स्वरूप दिया था इसलिए वह अभी भी एक सहयोगी संस्था के रूप में उनके साथ मौजूद रहने वाली है.
दरअसल, 52 पाल के अध्यक्ष अरुण जैलदार ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा करते हुए कहा कि G-20 के महत्वपूर्ण आयोजन को देखते हुए और मेवात में दंगाइयों पर पुलिस की सघन कार्रवाई को देखते हुए प्रशासन के साथ चर्चा करके हम इसके आकार-प्रकार पर विचार कर सकते हैं.
दंगाइयों को सद्बुद्धि देने के लिए की जाएगी प्रार्थना
इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि इस बार की यात्रा का आयोजन मेवात के हिंदू समाज ने ही आग्रह पूर्वक करने का निश्चय किया है. इसलिए वीएचपी मेवात से बाहर के हिंदू समाज को नहीं बुला रही है और पूरे प्रदेश के लिए एक कार्यक्रम का ऐलान कर रही है. उस दिन प्रदेश के हर प्रखंड में एक शिव मंदिर में 11 बजे सामूहिक जलाभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और वहां का हिंदू समाज इस कार्यक्रम में भाग लेगा.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए भगवान शंकर से प्रार्थना की जाएगी. प्रार्थना में कहा जाएगा कि वे दंगाइयों को सद्बुद्धि दें ताकि वे भविष्य में हिंदू समाज के किसी भी कार्यक्रम और यात्राओं में कोई भी बाधा न पहुंचाएं. साथ ही साथ शांतिपूर्ण तरीके से अस्तित्व के मुताबिक व्यवहार करना सीखें.
‘सद्भाव का एक नया उदाहरण पेश करेगी यात्रा’
आयोजकों की ओर से कहा गया है कि ब्रजमंडल की यह ऐतिहासिक धार्मिक यात्रा सर्व हिंदू समाज के बैनर तले निकलेगी. इस दौरान अरुण जैलदार सामाजिक और धार्मिक नेताओं के साथ यात्रा में मौजूद रहने वाले हैं. साथ ही स्वामी जितेंद्रानंद महाराज (अध्यक्ष, संत समिति), पूज्य स्वामी धर्मदेव महाराज, पूज्य स्वामी नवल किशोर दास, स्वामी आदित्यनाथ महाराज जैसे दूसरे संत भी इस धार्मिक यात्रा की अगुवाई करेंगे और विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार भी मौजूद रहेंगे. डॉ. जैन ने उम्मीद जताई कि यह यात्रा हमेशा की तरह शांति और सौहार्द के साथ ही निकलेगी और सद्भाव का एक नया उदाहरण पेश करेगी.