प्रकाश मेहरा
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनसंख्या नियंत्रण पर विधानसभा में दिए बयान पर राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के गुना में एक रैली में नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सवाल किया कि विपक्षी दलों के दूसरे नेता इस पर चुप क्यों हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने अपने बयान पर बुधवार को माफी मांग ली।
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि विधानसभा में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंची है। मोदी ने चुनावी जनसभा के दौरान कहा, विपक्षी गठबंधन के नेताओं की महिलाओं के सम्मान की जरा भी परवाह नहीं है। विधानसभा के अंदर भी महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना कहा कि सदन में ऐसी भाषा के इस्तेमाल के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।
नीतीश ने मंगलवार को विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कथित तौर एक टिप्पणी की थी, जिस पर बाद में विवाद हो गया। मोदी ने सवाल किया कि ऐसी सोच वाले क्या महिलाओं का सम्मान व उनकी सुरक्षा कर पाएंगे। साथ ही कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के लिए महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। महिला समाज के उत्थान के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
तीसरे कार्यकाल में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी
मोदी ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र में फिर भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनेगी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुंह से ऐसी बातें गलती से निकल गई होंगी। उन्हें इस बात का पछतावा भी हो रहा है। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी है। इसलिए अब इस मुद्दे पर ज्यादा बात नहीं होनी चाहिए।- राबड़ी देवी, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार
नीतीश कुमार एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं। जिस तरह से उन्होंने वहां बात की वह गलत थी। वह कह सकते थे कि यदि महिलाएं शिक्षित होंगी, तो वे तय कर सकती हैं कि उन्हें बच्चे कब पैदा करने हैं। -असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम नेता
बिहार के मुख्यमंत्री ने बयान पर खेद जताया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिए गए अपने वक्तव्य को लेकर बुधवार को सदन में खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उनका मकसद महिला सशक्तीकरण था। उन्होंने बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में खुद अपनी निंदा की। यही नहीं, अपने वक्तव्य की आलोचना करने वालों का अभिनंदन भी किया। इसके पहले उन्होंने विधानसभा के बाहर पत्रकारों के समक्ष भी अपने बयान पर खेद प्रकट किया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कल तो सबकुछ ठीक था, लेकिन उन्हे (भाजपा को) दिल्ली से ऐसा करने के लिए संदेश आया है, इसीलिए आज इस तरह हगामा कर रहे हैं।