नई दिल्ली l कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना है कि वह देश को समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह कोशिश वैसी ही है जैसे एक प्रेमी जिससे प्यार करता है उसे समझना चाहता है। कांग्रेस नेता ने यह भी स्वीकार किया है कि सत्ता के बीच में पैदा होने के बावजूद उन्हें इसमें दिलचस्पी नहीं है। वहीं, कई लोग सुबह से लेकर रात यही सोचते रहते हैं कि उन्हें सत्ता कैसे मिलेगी। राहुल ने दावा किया कि मायावती (Mayawati) जांच एजेंसियों के दबाव के चलते दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ रही हैं। ऐसा करके उन्होंने बीजेपी को हाल के यूपी चुनाव (UP Elections 2022) में खुला रास्ता दे दिया। वह
राहुल गांधी शनिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन के मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कई बातों को जिक्र किया। हाल में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में भी बोले।
कांग्रेस नेता ने इस दौरान किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग सुबह से लेकर रात और रात से लेकर सुबह तक सिर्फ एक बात सोचते रहते हैं। सत्ता कैसे मिलेगी। आज ऐसे लोग हिंदुस्तान में भरे हुए हैं।
वह आगे बोले, ‘अब उसमें मेरी प्रॉब्लम आ गई। मैं सत्ता के बीच में पैदा हुआ। बिल्कुल बीच में। और बड़ी अजीब सी बीमारी है कि मुझे उसमें इंटरेस्ट ही नहीं है। मैं सच में यह बात बोल रहा हूं।’ राहुल ने कहा, ‘मैं रात को सोता हूं, अपने देश को समझने की कोशिश करता हूं। सुबह उठता हूं तो भी यही करता हूं। मुझे देश से प्यार है। यह कोशिश वैसी ही है जैसे एक प्रेमी जिससे प्रेम करता है, उसे समझना चाहता है।’
अपनी चुनावी सफलताओं और विफलताओं की ओर इशारा करते हुए राहुल ने कहा, ‘मेरे देश ने जो मुझे प्यार दिया है, वो मेरे ऊपर कर्ज है। इसलिए मैं सोचता रहता हूं कि इस कर्ज को कैसे उतारूं।’
राहुल बोले, ‘देश ने मुझे सिर्फ प्यार ही नहीं दिया है, जूते भी मारे हैं। नहीं आप समझ नहीं सकते हैं। कितनी जोरों से कितनी हिंसा के साथ इस देश ने मुझे मारा-पीटा है, तो मैंने सोचा कि यह क्यों हो रहा है? और जवाब मिला कि देश मुझे सिखाना चाहता है। देश मुझे कह रहा है कि तुम सिखो, तुम समझो। दर्द हो तो कुछ नहीं तुम सीखो और समझो।’