नई दिल्ली: ICC World Cup 2023 का फाइनल मैच रविवार को होना है. ये मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाना है, जो दोपहर 2 बजे शुरू होगा. इस मैच में तमाम तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. वैसे तो इंटरनेशनल क्रिकेट मैच्स में इन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लंबे वक्त से हो रहा है, लेकिन वर्ल्ड कप के मौके पर इन पर दोबारा गौर करना जरूरी हो जाता है.
अगर आप टीवी पर मैच देखते हैं, तो कई एंगल से इसका लुत्फ उठा सकते हैं. हालांकि, आपने कभी सोचा है कि एक मैच में कितने कैमरों का इस्तेमाल होता है. एक इंटरनेशनल क्रिकेट मैच में कई तरह के कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है. आइए एक नजर डालते हैं मैच में कितने कैमरे यूज होते हैं.
कितने तरह के कैमरे होते हैं यूज?
>> ऑउटसाइड ब्रॉडकास्टिंग स्टूडियो के लिए 1 कैमरा
>> फिल्ड प्ले को कवर करने के लिए 12 कैमरे
>> 6-हॉकआई कैमरे
>> रन-आउट वीडियो कैप्चर करने के लिए 4 कैमरे
>> स्ट्राइक जोन कैप्चर करने के लिए 2 कैमरे
>> 4-स्टंप कैमरे
>> 1-प्रेजेंटेशन कैमरा
एक प्रोफेशनल मैच में कई तरह के कैमरे यूज होते हैं. इन सभी का काम अलग-अलग होता है. यूजर्स को बेहतर एक्सपीरियंस प्रोवाइड करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है.
मेन कैमरा- ये प्राइमरी कैमरा होते हैं, जिन्हें स्टेडियम में प्लान्ड तरीकों से इंस्टॉल किया जाता है. इन्हें ऐसे सेट किया जाता है जिससे ये वॉइड एंगल शॉट कैप्चर कर सकें. इनसे मैच का ओवर व्यू मिलता है.
बाउंडरी कैमरा- इन कैमरों को आपने अक्सर बाउंडरी लाइन के पास देखा होगा. ये फिल्डिंग एक्शन के क्लोजअप शॉट के लिए यूज किए जाते हैं. इनकी मदद से प्लेयर्स के मूवमेंट्स के डिटेल व्यूज मिलते हैं.
स्टंप कैमरा- इन्हें स्टंप के बीच में इंस्टॉल किया जाता है. इनसे बॉलर, बैट्समैन और विकेटकीपर से जुड़ी खास जानकारी मिलती है. इनकी मदद से ही हम स्टंप के नजदीक के स्लोमोशन रिप्ले देख पाते हैं.
स्पाइडर कैमरा- जैसा इसका नाम है वैसा ही इसका काम है. ये कैमरा वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल दोनों तरफ घूम सकते हैं. इन कैमरों से डायनैमिक एरियल शॉट्स मिलते हैं.
अल्ट्रा स्लो-मोशन कैमरा- हाई स्पीड कैमरा किसी मूवमेंट को हायर फ्रेम रेट पर कैप्चर करते हैं. इनकी मदद से स्लो मोशन रिप्ले डिटेल्स मिलती हैं, जिसकी मदद से व्यूअर्स को गेम के कई एस्पेक्ट देखने का मौका मिलता है.
हेलमेट कैमरा- कई मौकों पर प्लेयर्स हेलमेट कैमरा पहनते हैं, जिससे गेम का फर्स्ट पर्सन व्यू मिलता है. इस कैमरे की मदद से व्यूअर्स को अंदाजा मिलता है कि बैटर को बॉल कैसी दिखती होगी.
रोबोटिक कैमरा- रिमोट कंट्रोल्ड कैमरा को विभिन्न पोजिशन पर इंस्टॉल किया जाता है. इन कैमरों से फ्लेक्सिबिलिटी और एडज्स्टेबल एंगल से गेम का व्यू मिलता है. इसकी मदद से स्पेसिफिक शॉट्स कैप्चर किए जाते हैं.