कर्मचारी पेंशन स्कीम यानि EPS के नए नियम से ज्यादा पेंशन पाने के लिए आपके पास कम समय बचा है. ज्यादा पेंशन की आवेदन के लिए महज कुछ ही दिन बचे हैं. आपको बता दें 3 मई के बाद ये मौका नहीं मिलेगा. मगर, अभी भी लोगों में कंफ्यूजन है कि वो इस स्कीम को सेलेक्ट करें या नहीं. कुछ लोगों को तो ये भी क्लियर नहीं है कि वो इसके लिए एलिजिबल हैं या नहीं. ऐसे में आपकी सारी कंफ्यूजन का सॉल्यूशन है हमारे पास.
आपको बता दें अगर आपकी मंथली सैलरी 50 हजार या उससे ज्यादा है तो ऐसे में आपकी पेंशन 3 गुना तक बढ़ सकती है. आइए आपको इसका पूरा कैलकुलेशन समझाते हैं.
कितनी बढ़ सकती है पेंशन?
इसको ऐसे समझिए कि रिटायर होते वक्त आपकी कुल नौकरी 33 साल और लास्ट बेसिक सैलरी 50 हजार रुपए है. ऐसे में मौजूदा व्यवस्था के तहत पेंशन की गणना मैक्सिमम 15 हजार रुपए की बेसिक सैलरी पर होगी. इस तरह (33 साल +2 35/70×15,000) फॉर्मूले के मुताबिक आपको 7,500 रुपए पेंशन मिलेगी. मौजूदा हालात में ये अब तक की सबसे ज्यादा पेंशन है. लेकिन अगर आपने ज्यादा पेंशन का ऑप्शन चुना तो आखिरी बेसिक सैलरी के हिसाब से (33 साल + 2- 35/70×50,000) 25,000 रुपए पेंशन मिलेगी.
ज्यादा पेंशन का ऑप्शन चुनने के लिए पहले के कम कंट्रीब्यूशन की भरपाई कैसे होगी?
पहले के कम कंट्रीब्यूशन की भरपाई के लिए आपको इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि ज्यादा पेंशन के लिए सिर्फ अभी से रिटायर होने तक ही ज्यादा योगदान की जरूरत नहीं होगी. ये ऑप्शन सेलेक्ट करने वाले कर्मचारियों को पिछले वर्षों के लिए भी अतिरिक्त योगदान करना होगा. ये अतिरिक्त योगदान उस समय से लागू होगा, जब वास्तविक वेतन 5,000 और 6,500 रुपए की नोटिफाइड लिमिट से ज्यादा हो गया था.
जिन कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में पर्याप्त रकम होगी, उन्हें कोई दिक्कत नहीं आएगी. पहले के कम कंट्रीब्यूशन की भरपाई उनके ईपीएफ बैलेंस से हो जाएगी. लेकिन, पैसा निकालने या अन्य वजहों से जिनके ईपीएफ खाते में मिनिमम अमाउंट भी नहीं है, उन्हें जेब से इसकी भरपाई करनी होगी.
1 सितंबर 2014 तक ईपीएफ में कंट्रीब्यूशन न करने वाले भी कर सकते हैं अप्लाई?
अगर आप भी EPS की ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो आप इन तीन शर्तों को ध्यान में रखते हुए कर सकते हैं अप्लाई.
- ऐसे संगठन में काम करने वाले कर्मचारी जो ईपीएफ एक्ट के तहत कवर्ड नहीं था.
- ऐसे कर्मचारी जो नौकरी में नहीं थे, लेकिन उन्होंने ईपीएफ या ईपीएस या दोनों से पैसे नहीं निकाले थे.
- ऐसे कर्मचारी जिन्होंने ईपीएफ अकांउट तो बंद कर दिया था, लेकिन ईपीएस अकाउंट बंद नहीं कर पाए थे. ऐसा तब होता है, जब कोई कर्मचारी 10 साल से ज्यादा समय तक लगातार ईपीएफ अकाउंट जारी रखता है. ऐसे में वो ईपीएस से एकमुश्त रकम नहीं निकाल सकता. ऐसे लोग 58 साल की उम्र के बाद पेंशन पाने के हकदार होते हैं.