नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संचार के क्षेत्र में विदेशों पर निर्भरता को भी कम से कम करने को कहा है. टेक्नोलॉजी सक्षम विकास पर बजट के पश्चात एक वेबिनार में प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस बार के आम बजट में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए जो कदम उठाए गए हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका तेजी से क्रियान्वयन बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी सिर्फ एक अलग क्षेत्र नहीं है क्योंकि यह डिजिटल अर्थव्यवस्था (Digital Economy) से जुड़ा और आधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित है. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी नागरिकों को सशक्त करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रमुख आधार है.
आम बजट में विज्ञान और टेक्नोलॉजी
उन्होंने कहा कि आज ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने एक भाषण में अमेरिका को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही और उन्होंने भी ‘‘मेड इन अमेरिका’’ पर बहुत जोर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए हम जानते हैं कि दुनिया में जो नई व्यवस्थाएं बन रही है, उसमें हमारे लिए भी बहुत आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर बनें. इस बजट में उन चीजों पर बल दिया गया है.’’
प्रधानमंत्री ने संचार के क्षेत्र में विदेशों पर निर्भरता को भी कम करने का आह्वान किया और कहा कि देश का अपना मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचा बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि संचार के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी लाने के लिए देश को अपने प्रयासों को और अधिक गति देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो और संचार के संबंध में सुरक्षा के नए-नए दृष्टिकोण उसमें जुड़ते चले जाएं. हमें बड़ी जागरूकता के साथ इस ओर अपने प्रयास बढ़ाने ही होंगे.
आपको बता दें कि इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विज्ञान और तकनीक मंत्रालय को 14217.46 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2021-22 से 833 करोड़ रुपये ज्यादा है जिसमें 13438 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इस साल एस सोमनाथ की अगुआई वाले इसरो को सरकार ने 13,700 करोड़ आवंटित किए हैं जो पिछले साल की तुलना में पूरे एक हजार करोड़ रुपये अधिक है. अंतरिक्ष विभाग के इस उछाल के कारण अब कोविड-19 की वजह से धीमे पड़े महत्वाकांक्षी अभियान गगनयान और चंद्रयान-3 को गति देने का काम करेगा. इसके अलावा सूर्य के लिए आदित्य L1 अभियान और शुक्र के लिए अभियान का विकास करने जैसे और भी कार्यक्रमों में गति आएगी.