स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले की बीबीसी की रिपोर्टिंग पर कड़ा विरोध जताया, जिसमें आतंकवादियों को ‘उग्रवादी’ कहा गया। सरकार ने बीबीसी को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की और विदेश मंत्रालय की एक्सपी डिवीजन अब बीबीसी की कवरेज की निगरानी करेगी।
पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल ) की रिपोर्टिंग में बीबीसी द्वारा आतंकवादियों को “उग्रवादी” (militants) कहने पर भारत सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया है। इस हमले में जम्मू-कश्मीर के बाईसरण घाटी में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने अंजाम दिया था। सरकार ने बीबीसी इंडिया की प्रमुख जैकी मार्टिन को औपचारिक पत्र लिखकर इस शब्दावली को गलत और असंवेदनशील बताया। विदेश मंत्रालय की एक्सपी डिवीजन अब बीबीसी की कवरेज की निगरानी करेगी।
इसके साथ ही, सरकार ने हमले के बाद पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिन्हें भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भ्रामक और उत्तेजक सामग्री फैलाने का दोषी पाया गया। सोशल मीडिया पर भी बीबीसी की इस रिपोर्टिंग की आलोचना हुई, कुछ यूजर्स ने इसे पक्षपातपूर्ण और भारत को बदनाम करने वाला बताया।
जहर उगल रहे पाकिस्तानी News YouTube चैनल्स भारत में बैन !
भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर बैन लगा दिया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, ये चैनल भारत, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाला और झूठा कंटेंट फैला रहे थे। इस फैसले के साथ ही भारतीय यूट्यूब यूजर्स के लिए शोएब अख्तर, आरज़ू काज़मी और सैयद मुज़म्मिल शाह जैसे पाकिस्तानी चैनलों तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी गई है..इस लिस्ट में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर का यूट्यूब चैनल भी शामिल है।
इनमें पाकिस्तान के बड़े न्यूज चैनल्स जैसे Dawn News, Samaa TV, ARY News, Bol News, Raftar, Geo News और Suno News शामिल हैं। इसके अलावा पाकिस्तानी पत्रकारों जैसे इरशाद भट्टी, असमा शिराजी, उमर चीमा और मुनिब फारूक के यूट्यूब चैनल्स भी भारतीय दर्शकों के लिए ब्लॉक कर दिए गए हैं. अन्य बैन किए गए चैनल्स में The Pakistan Reference, Samaa Sports, Uzair Cricket और Razi Naama भी शामिल हैं।
बीबीसी की कवरेज में “उग्रवादी” शब्द का उपयोग !
पहलगाम हमले की बीबीसी की कवरेज, विशेष रूप से “उग्रवादी” शब्द का उपयोग, ने भारत में व्यापक विवाद खड़ा किया। सरकार का कहना है कि यह शब्द हमले की गंभीरता को कम करता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर करता है। बीबीसी के एक लेख, “Pakistan suspends visas for Indians after deadly Kashmir attack on tourists,” पर भी सवाल उठे, क्योंकि यह भ्रामक रूप से प्रतीत होता है कि भारत ने पाकिस्तानी पर्यटकों पर हमला किया।
विवाद केवल बीबीसी तक सीमित नहीं !
यह विवाद केवल बीबीसी तक सीमित नहीं है। अमेरिका में भी न्यूयॉर्क टाइम्स को इसी तरह “मिलिटेंट्स” शब्द के लिए आलोचना झेलनी पड़ी, जहां यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने इसे “आतंकी हमला” कहने की मांग की। भारत ने इस घटना के बाद कई कड़े कदम उठाए, जैसे इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करना, अटारी सीमा चौकी बंद करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना।
आतंकवाद की गंभीरता को कमजोर करती है !
हालांकि विशेषज्ञ के तौर पर प्रकाश मेहरा कहते हैं कि “बीबीसी की शब्दावली आतंकवाद की गंभीरता को कमजोर करती है और पीड़ितों के साथ अन्याय करती है। बीबीसी की तटस्थता की नीति वास्तव में संवेदनशील मुद्दों पर अस्पष्टता पैदा करती है, जिससे गलतफहमी बढ़ती है। सरकार की नीतियों में कोई नया बदलाव नहीं हुआ है, और बीबीसी की कवरेज में इसे अनुचित रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।”
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान तनाव को और बढ़ा दिया है, और बीबीसी की रिपोर्टिंग ने इस संवेदनशील मुद्दे पर नई बहस छेड़ दी है। सरकार और जनता का मानना है कि ऐसी शब्दावली आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति को कमजोर करती है।