इंदौर,30 जून (आरएनएस)। टीआई सुसाइड केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। टीआई हाकम सिंह पवार की तीसरी पत्नी रेशमा शेख ने उने नसबंदी कराने की बात कही है। इसके बावजूद टीआई रेशमा से बच्चे चाहते थे। बता दें, भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में पदस्थ टीआई हाकम सिंह ने 24 जून को इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम में खुद को गोली मारी थी। इससे पहले महिला एएसआई रंजना खंडे को गोली मारी थी। खुद को हाकम सिंह पवार की तीसरी पत्नी बताने वाली रेशमा शेख ने मंगलवार को अपने बयान छोटी ग्वालटोली में दर्ज कराए, उसने बताया कि टीआई ने अपनी नसबंदी करा रखी थी। वहीं सीहोर की रहने वाली दूसरी पत्नी के दो बच्चों की बात सामने आई थी, वो महिला के पहले पति के थे। इस कारण टीआई ने सरस्वती को छोड़ दिया था। रेशमा गौतमपुरा (इंदौर) की चम्बल कॉलोनी में रहती थीं। अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए वो बनोडिया गांव में एक स्कूल में टीचर थीं। गोलीकांड के एक दिन पहले हुआ था लोन पास – हाकम सिंह से शादी के बाद वो इंदौर में ही रह रही थी। टीआई तीन दिन की छुट्टी लेकर भोपाल से इंदौर पहुंचे थे। वो रोजाना बैंक के कर्मचारियों से लोन के डीडी के लिए बात कर रहे थे।
डीएलएफ के समीप एक मकान खरीदने की तैयारी में थे। कई सालों से हाकम सिंह रेशमा को एक स्थायी घर दिलवाना चाहते थे। गोलीकांड के एक दिन पहले ही 23,84,026 रुपए का लोन मंजूर हो गया था। टाउनशिप में दोनों के नाम का एग्रीमेंट भी बन चुका था। बैंक का लोन का चेक बनने के बाद ही हाकम सिंह ने रेशमा को वॉट्सएप किया था। रेशमा ने पुलिस को बताया कि आरटीजीएस से वो हाकम सिंह के खाते में पाँच लाख रुपए ट्रांसफर करा रही थी। जैसे ही घटना की जानकारी लगी उसने ट्रांजेक्शन स्टॉप करा दिया। कुछ अन्य बैंक ट्रांजेक्शन की बात रेशमा ने पुलिस को बताई है। रेशमा ने बताया कि जिस क्रेटा गाड़ी को लेकर रंजना टीआई पर दबाव बना रही थी, वो रंजना के भाई की है, लेकिन वो कपड़ा कारोबारी गोविंद जायसवाल ने 2017 में पत्नी सीमा के नाम पर खरीदकर दी थी। बताया जा रहा है कि टीआई ने रंजना के भाई कमलेश खाण्डे के नाम पर ये गाड़ी खरीदी थी। गोलीकांड के बाद घायल एएसआई रंजना खाण्डे के बयान लेने पुलिस पहुंची तो उसने एक आवेदन लिखकर दे दिया कि मुझे नहीं मालूम मेरा मोबाइल कहां है। वहीं पुलिस के आला अधिकारी रंजना के मोबाइल की तलाश कर रहे हैं, उसका मोबाइल कई राज उगल सकता है।
अनिल पुरोहित/अशफाक