नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कब कांग्रेस के सगे हो जाए और कब दुश्मनी कर लें, इसका अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है। जिस कांग्रेस को पानी पी-पीकर कोसने के बाद 2013 में आम आदमी पार्टी सियासत में आई थी, उसी कांग्रेस के साथ मिलकर पहली बार केजरीवाल ने सत्ता का स्वाद चखा। हालांकि थोड़े ही दिन बाद केजरीवाल की पार्टी को प्रचंड बहुमत मिली और उन्होंने मजबूत सरकार बनाते ही कांग्रेस को फिर खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया। वक्त के साथ-साथ सियासी समीकरण भी बदलता चला गया। कई कांग्रेसी नेताओं ने दावा किया कि AAP भाजपा की बी-टीम है, मगर इन सबके बावजूद दोनों (कांग्रेस और आम आदमी पार्टी) ने कई बार एक साथ मंच साझा किया, अब तो वो विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में एक-दूसरे के सहयोगी हैं। हालांकि केजरीवाल शायद एक बार फिर कांग्रेस से पीछा छुड़ाने के लिए व्याकुल हुए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी कभी-कभी ऐसे दावे करती है, जो बात किसी के भी गले से नीचे उतरना आसान नहीं होता। पिछले 6 महीने से केजरीवाल और उनकी पार्टी एक ही राग अलाप रही है कि ‘मुझे गिरफ्तार किया जाएगा’, ‘लोकसभा चुनाव से पहले मेरी गिरफ्तारी होगी’, ‘वो मुझे चुनाव प्रचार से रोकना चाहते हैं’, ‘ईडी का समन गैरकानूनी है’, वगैरह, वगैरह… अब आम आदमी पार्टी की ओर से ऐसा दावा किया गया है, जिससे ये साफ पता चल रहा है कि कहीं न कहीं अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से पीछा छुड़ाने के लिए बेकरार हुए जा रहे हैं।
दरअसलस केजरीवाल सरकार में मंत्री और आप नेता आतिशी ने बीते एक दिन पहले ही ये दावा किया कि ‘यदि पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर समझौता करती है तो अगले तीन से चार दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’ अब उनके इस दावे को क्या समझा जाए? क्या आम आदमी पार्टी की ओर से कांग्रेस पर दबाव बनाने का ये कोई नया सियासी तरीका है या फिर कांग्रेस से पीछे छुड़ाने के लिए कोई सॉलिड बहाना?
ऐसा है तो अब तक क्यों नहीं गिरफ्तार हुए केजरीवाल?
आतिशी कह रही हैं कि यदि AAP ने कांग्रेस से गठबंधन किया तो केजरीवाल को तीन-चार दिन में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस दावे में कितनी सच्चाई है, इसे समझिए। वैसे तो केजरीवाल ने पहले ही ये कह दिया था कि वो विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में शामिल हैं, कांग्रेस भी इस गठबंधन का हिस्सा है। ऐसे में इतने लंबे समय से ये गठबंधन चल रहा है तो अब तक केजरीवाल गिरफ्तार क्यों नहीं हुए? आतिशी का ये दावा कितना सच्चा है, इसे कोई भी खुद ही समझ सकता है।
ममता बनर्जी, नीतीश कुमार के बाद अब अरविंद केजरीवाल
साफ शब्दों में कहा जाए कि केजरीवाल या तो प्रेशर पॉलिटिक्स की ट्रिक अपनाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर कांग्रेस से पीछा छुड़ाने के लिए बेकरार हुए जा रहे हैं। पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी को इस गठबंधन से अलग किया और इसका जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया, फिर बिहार में नीतीश कुमार ने भी कांग्रेस को ही कोसा और वापस एनडीए के साथ चले गए। खुद केजरीवाल के साथी पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कांग्रेस से समझौता करने से साफ इनकार कर दिया है। अब शायद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कांग्रेस से पूरी तरह नाता तोड़ने का मन बनाया है। शायद यही वजह है कि आम आदमी पार्टी तरह-तरह के बहाने बना रही है।
भाजपा ने आप के इस आरोप को सिरे से किया खारिज
आतिशी ने ऐसा दावा किया तो भाजपा भी पीछे कहां रहने वाली थी। प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आप नेता ने हताशा के कारण यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक उनके इस दावे का सवाल है कि ऐसा ‘आप’-कांग्रेस गठबंधन के कारण होने जा रहा है, तो मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा को इस गठबंधन से कोई परेशानी नहीं है और हम दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट जीतने जा रहे हैं।’
आतिशी ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) शनिवार या सोमवार को केजरीवाल को नोटिस जारी करने वाला है। उन्होंने दावा किया, ‘जब से ‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा अंतिम चरण में पहुंचने की खबरें आ रही हैं, बुधवार शाम से ही ‘आप’ नेताओं को संदेश मिल रहे हैं कि यदि ‘आप’ ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर समझौता किया तो केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’
आम आदमी पार्टी के इस दावे में कितनी सच्चाई है, ये तो भगवान ही जानता होगा। इससे पहले आतिशी ने एक और दावा किया था कि उनके विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा ने पेशकश की, जिसके बाद भाजपा ने इस आरोप को खारिज करते हुए दिल्ली पुलिस से मामले की जांच की मांग की थी। हालांकि सच और झूठ का सामने आना अभी बाकी है। देखना होगा कि आतिशी का ये दावा हवा-हवाई है या फिर इसमें थोड़ा बहुत दम है।