चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हरविंदर रिंदा के पांच शूटरों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से नौ हथियार और लूटे गए पांच वाहन बरामद हुए हैं। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के एडीजीपी प्रमोद बान ने गुरुवार को चंडीगढ़ स्थित पुलिस मुख्यालय में बताया कि पकड़े गए शूटर सात लोगों की हत्या की योजना बना रहे थे। इनके खिलाफ हत्या, डकैती और फिरौती के 65 केस दर्ज हैं। यह कार्रवाई जालंधर ग्रामीण पुलिस के एसएसपी स्वप्न शर्मा के नेतृत्व में की गई है।
गिरफ्तार आरोपियों में आरोपी नकोदर जालंधर का मुहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी पुरेवाल, मोहाली के नयाशहर बडाला का सागर सिंह, समराला लुधियाना का अमर मलिक, लोहियां जालंधर का नवी, नकोदर जालंधर का अंकुश सबरवाल उर्फ पाया, ऊना (हिमाचल) का सुमित जसवाल उर्फ काकू, फिल्लौर जालंधर का अमनदीप उर्फ शूटर, फिल्लौर जालंधर का शिव कुमार उर्फ शिव, नकोदर जालंधर निवासी विशाल उर्फ फौजी, ऊना (हिमाचल) का अरुण कुमार उर्फ मनी राणा और कपूरथला का अनू उर्फ पहलवान शामिल है। एडीजीपी ने बताया कि सभी आरोपी कई पड़ोसी राज्यों में सक्रिय थे। ये लोग कत्ल, कत्ल की कोशिश, हथियारबंद डकैती, संगठित फिरौती, डकैती और नशा तस्करी जैसे अपराधों में शामिल रहे हैं।
गोल्डी का साथी विक्रम बराड़ चला रहा था गिरोह
एडीजीपी ने बताया कि प्राथमिक जांच में इस गिरोह को हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के निर्देश पर गोल्डी बराड़ का साथी विक्रम बराड़ चला रहा था। राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला गोल्डी बराड़ इस समय विदेश में है और वह छह राज्यों की पुलिस का वांछित है। वह लॉरेंस बिश्नोई का सहपाठी है और चंडीगढ़ में पढ़ता था। मूसेवाला की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था।
16 आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है जैसी
एसएसपी स्वप्न शर्मा ने बताया कि मुहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी एक साल से लापता था। बराड़ और लॉरेंस का नजदीकी साथी जैसी कम से कम 16 आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। उसके कब्जे से चार पिस्तौल, 10 कारतूस और एक कार बरामद की गई है। अंकुश सबरवाल उर्फ पाया के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अंकुश 2014 में नकोदर के एक आईलेटस सेंटर में विक्रम बराड़ का विद्यार्थी था और महाराष्ट्र का सौरव महाकाल, जिसे पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, को सुरक्षित पनाह मुहैया करवा रहा था। महाकाल के राज्य में दो महीने मौजूद रहने के समय उसने महाकाल के साथ मिलकर पंजाब में तीन अपराधों को अंजाम भी दिया था।
अरुण कुमार उर्फ मनी राणा जेल में बंद गैंगस्टर है और लॉरेंस-जग्गू भगवानपुरिया ग्रुप के इशारे पर अपराध करता रहा है। ऊना (हिमाचल) में एक अदालती सुनवाई के दौरान मनी राणा ने पुलिस हिरासत से भागने की योजना बनाई थी। इस पर छह केस दर्ज हैं। सुमित जसवाल उर्फ काकू, राणा के भागने की कोशिश के लिए रेकी करने और लॉजिस्टिक का प्रबंध करने में सक्रियता से शामिल था।
सागर सिंह पर स्नैचिंग और अवैध हथियार रखने संबंधी तीन केस दर्ज हैं। इसके कब्जे से एक पिस्तौल, तीन कारतूस और एक आई-20 कार बरामद हुई है। समराला के अमर मलिक पर नशा तस्करी और अवैध हथियारों संबंधी 4 केस दर्ज हैं। इसके कब्जे से एक पिस्तौल, तीन कारतूस और एक स्कोडा कार बरामद हुई है। नवी के कब्जे से 2 पिस्तौल और 3 कारतूस मिले हैं। अमनदीप उर्फ शूटर पर हथियारबंद डकैती के तीन, शिव कुमार पर नशा तस्करी व हथियारबंद लूट के 5 केस दर्ज हैं। डकैती के 4 केसों में वांछित विशाल उर्फ फौजी से एक रिवॉल्वर बरामद हुई है। इस तरह कुल 9 पिस्तौल, 1 रिवॉल्वर और 5 वाहन बरामद किए गए हैं।