प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ के घने जंगलों में 21 मई 2025 को सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), और अन्य सुरक्षा बलों ने हिस्सा लिया। मुठभेड़ में 30 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिसमें कई शीर्ष कमांडर शामिल हैं।
मारे गए नक्सली और इनामी कमांडर
मारे गए नक्सलियों में नंबाला केशव राव उर्फ बसव राज भी शामिल है, जो नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) का महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य था। उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था। अन्य मारे गए नक्सलियों में कई इनामी कैडर शामिल हैं, जिनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। यह मुठभेड़ अबूझमाड़ के थुलथुली गांव के जंगल में हुई, जो नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि नक्सली किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे थे, जिसके बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया। मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हुई और नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 को ध्वस्त करने में सुरक्षा बलों को सफलता मिली।
हथियार और सामग्री बरामद
मुठभेड़ के बाद AK-47, SLR, LMG जैसे ऑटोमैटिक हथियार और अन्य सामग्री बरामद की गई। तलाशी अभियान अभी भी जारी है और जब्त सामग्री की पूरी जानकारी बाद में साझा की जाएगी। इस ऑपरेशन में एक जवान शहीद हो गया, और एक अन्य घायल है। घायल जवान को इलाज के लिए रायपुर एयरलिफ्ट किया गया और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को नक्सलियों के खिलाफ “सर्जिकल स्ट्राइक” करार दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, और इस दिशा में यह ऑपरेशन एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। अबूझमाड़ क्षेत्र नक्सलियों का प्रमुख ठिकाना रहा है और यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम है। 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में विभिन्न मुठभेड़ों में 80 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, और सैकड़ों ने आत्मसमर्पण किया है या गिरफ्तार हुए हैं।
नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन
यह क्षेत्र घने जंगलों और दुर्गम इलाकों के कारण नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना रहा है। यहां सुरक्षा बलों की पहुंच सीमित रही है, लेकिन हाल के वर्षों में नए सिक्योरिटी कैंप स्थापित किए गए हैं। 2025 में नक्सल विरोधी अभियान इस साल छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन हुए हैं, जिनमें बीजापुर, कांकेर और गरियाबंद जैसे जिलों में भारी संख्या में नक्सली मारे गए।
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। मारे गए नक्सलियों में शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी और हथियारों की बरामदगी से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है, और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में बताई जा रही है।