स्पेशल डेस्क/तेलअवीव : 13 जून 2025 की रात से शुरू हुआ इजरायल-ईरान संघर्ष मध्य-पूर्व में एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ता दिख रहा है। इजरायल के “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले के जवाब में ईरान ने इजरायल पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने भी जवाबी कार्रवाई की।आइए 13 जून की रात के प्रमुख घटनाक्रम और उनकी विस्तृत रिपोर्ट एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से जानते हैं।
इजरायल का हमला (“ऑपरेशन राइजिंग लायन”)
इजरायल ने 13 जून की सुबह ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर 200 से अधिक लड़ाकू विमानों और ड्रोनों के साथ हमले शुरू किए। निशाने में ईरान का नतांज परमाणु संवर्धन केंद्र, इस्फहान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर, परचिन और हमादान सैन्य अड्डे शामिल थे। IDF के अनुसार, नतांज में यूरेनियम संवर्धन की सुविधाएँ और इस्फहान में धातु यूरेनियम उत्पादन की सुविधाएँ नष्ट की गईं।
हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, IRGC एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर अमीर अली हाजीजादेह, और छह परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह ऑपरेशन ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए “कई दिनों तक” जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि ईरान को नहीं पता कि “आगे क्या होगा।”
ईरान की जवाबी कार्रवाई (“ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3”)
ईरान ने 13 जून की रात को इजरायल पर 100 से 150 बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे, जिसे “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” नाम दिया गया। मिसाइलें तेल अवीव, यरुशलम और उत्तरी इजरायल के शहरों पर गिरीं। इजरायल के आयरन डोम डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें रमात गान और तेल अवीव में इमारतों से टकराईं, जिससे नुकसान हुआ।
मागेन डेविड एडोम (इजरायल की आपातकालीन सेवा) के अनुसार, एक महिला की मृत्यु हुई, एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ, और 63 अन्य लोग मामूली रूप से घायल हुए। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने टेलीविजन पर कहा, “इजरायल ने युद्ध शुरू किया और हम इसे खत्म करेंगे।” उन्होंने इजरायल को “नष्ट” करने की कसम खाई। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने संयुक्त राष्ट्र से इजरायल की निंदा करने की मांग की और इसे “राज्य आतंकवाद” करार दिया।
IDF का पलटवार !
IDF ने ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने के लिए आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग, और एरो-3 डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। IDF प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि अधिकांश मिसाइलें और ड्रोन हवा में नष्ट कर दिए गए, लेकिन कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा। इजरायल ने रातभर ईरान में हमले जारी रखे, जिसमें पश्चिमी ईरान में हवाई रक्षा प्रणालियों और मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट किया गया। IDF ने दावा किया कि उसने ईरान की हवाई रक्षा क्षमता को “काफी हद तक कमजोर” कर दिया है।
क्या हुईअन्य घटनाएं
यमन के हूती विद्रोहियों (ईरान समर्थित) ने इजरायल पर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो वेस्ट बैंक के हेब्रोन में गिरी और पांच फलस्तीनियों को घायल किया। जॉर्डन और सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र में कुछ ईरानी ड्रोन को रॉयल जॉर्डनियन एयर फोर्स और इजरायली वायुसेना ने मार गिराया। तेहरान के मेहराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक विस्फोट और आग की खबरें आईं, जिससे ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।
इजरायल ने देशभर में आपातकाल की स्थिति घोषित की और नागरिकों को बम शेल्टर में रहने का निर्देश दिया। स्कूल बंद कर दिए गए, और तेल अवीव प्राइड परेड जैसे आयोजन रद्द कर दिए गए।
क्या पड़ेंगे इसके प्रभाव ?
हमलों के कारण तेल की कीमतें 7-11% बढ़ गईं और वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई। होर्मुज जलडमरूमध्य में संभावित रुकावटों से वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जो भारत जैसे देशों के लिए चिंता का विषय है। तेल अवीव में इमारतों को नुकसान और ईरान में 78 लोगों की मौत (ज्यादातर नागरिक) की खबरें हैं।
13-14 जून 2025 की रात इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। इजरायल ने ईरान की परमाणु और सैन्य क्षमता को नष्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर हमले किए, जबकि ईरान ने तेल अवीव और यरुशलम पर मिसाइलें दागकर जवाब दिया। IDF ने अधिकांश हमलों को रोक लिया, लेकिन कुछ नुकसान हुआ। वैश्विक समुदाय युद्ध की आशंका से चिंतित है, और भारत जैसे देश शांति की वकालत कर रहे हैं। यह संघर्ष क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।