प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने 3 सितंबर को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में व्यापक सुधारों की घोषणा की, जिसे “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म” या “जीएसटी 2.0” के रूप में जाना जा रहा है। इन सुधारों का उद्देश्य आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारियों, और MSME (लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों) के लिए जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। ये बदलाव 22 सितंबर से प्रभावी होंगे, जो नवरात्रि का पहला दिन है, और इसे सरकार ने “दिवाली उपहार” के रूप में पेश किया है।
जीएसटी में प्रमुख बदलाव
जीएसटी स्लैब में कमी पहले चार जीएसटी स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) थे। अब इन्हें घटाकर दो स्लैब (5% और 18%) कर दिया गया है। 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। हानिकारक और लग्जरी वस्तुओं (जैसे तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट) के लिए एक विशेष 40% स्लैब बनाया गया है।
रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स में भारी कटौती 18% से घटकर 5%:हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, बटर, घी, चीज, डेयरी स्प्रेड, पैक्ड नमकीन, भुजिया, बर्तन, बच्चों की फीडिंग बोतल, नैपकिन, क्लिनिकल डायपर, सिलाई मशीन। जीरो जीएसटी जीवन रक्षक दवाएं शिक्षा से संबंधित सामग्री (मैप, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, दीवार मैप, लैब नोटबुक्स)। यूएचटी दूध, प्री-पैक्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड, रोटी, पराठा।
ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स पर राहत
छोटी कारों, तिपहिया वाहनों, और 350 सीसी तक की बाइक पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया। एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, टीवी (एलईडी, एलसीडी), मॉनिटर, और प्रोजेक्टर पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हुआ। पुरानी और इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% किया गया।
स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर 18% जीएसटी को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इससे बीमा प्रीमियम सस्ता होगा। लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40% टैक्स:तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट, जर्दा और बीड़ी जैसे उत्पादों पर 40% की विशेष जीएसटी दर लागू होगी। यह दर बाद में अधिसूचित तारीख से लागू हो सकती है।
ये हुए संरचनात्मक सुधार
इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमों में बदलाव किया गया है। अब सप्लायर को टैक्स छूट तभी मिलेगी, जब ग्राहक ने ITC क्लेम नहीं किया हो या उसे वापस कर दिया हो। मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) 1 अप्रैल 2025 से जीएसटी पोर्टल पर MFA अनिवार्य होगा, जिससे डेटा चोरी और धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
ई-वे बिल और ट्रैकिंग ₹10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए 30 दिनों के भीतर इनवॉइस विवरण पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। Unique Identification Marking को अनिवार्य किया गया है, और नियमों का पालन न करने पर ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।रिटर्न फाइलिंग को सख्त किया गया है ताकि फर्जी ITC क्लेम रोके जा सकें। अपील के लिए विवादित राशि का 10% और दंड में 10% अतिरिक्त टैक्स जमा करना होगा।
प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया
पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के भाषण में जीएसटी सुधारों की घोषणा की थी और इसे “ऐतिहासिक” करार दिया। उन्होंने कहा कि ये सुधार आम आदमी, किसानों, MSME, मध्यम वर्ग, महिलाओं, और युवाओं के लिए लाभकारी होंगे, साथ ही छोटे व्यापारियों के लिए व्यापार करना आसान होगा।
पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया “केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और प्रक्रियागत सुधारों के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया था, जिसका उद्देश्य आम आदमी के जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।”
During my Independence Day Speech, I had spoken about our intention to bring the Next-Generation reforms in GST.
The Union Government had prepared a detailed proposal for broad-based GST rate rationalisation and process reforms, aimed at ease of living for the common man and…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2025
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “यह केवल टैक्स दरों को युक्तिसंगत बनाने का मामला नहीं है, बल्कि संरचनात्मक सुधारों पर भी ध्यान दिया गया है। इनसे जीवन आसान होगा, व्यवसायों को जीएसटी अनुपालन में सुविधा होगी, और टैक्स ढांचे की समस्याओं को ठीक किया गया है।”
Is the Congress party demanding 5 per cent tax on tobacco and gutkha? The Congress party wants us to give it at 5%.
The Congress Party considered it impossible to implement GST during their tenure.
We have implemented the GST and are also doing second-generation reforms under… pic.twitter.com/W2Svs2mHic
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) September 3, 2025
उपभोक्ताओं के लिए लाभ
रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे घी, दूध, पनीर, साबुन और इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते होंगे, जिससे मध्यम और निम्न-आय वर्ग को राहत मिलेगी। टैक्स में कटौती से घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। मॉर्गन स्टेनली और एमके ग्लोबल के अनुसार, इससे 2.4 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग पैदा हो सकती है और जीडीपी ग्रोथ में 50-70 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि हो सकती है।
जीएसटी राजस्व में सालाना 47,700 करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है, लेकिन सरकार का मानना है कि खपत बढ़ने से दीर्घकाल में राजस्व संतुलित होगा। जीएसटी सुधारों की घोषणा के बाद सेंसेक्स में 1100 अंकों की उछाल देखी गई, और निवेशकों ने 35 मिनट में करीब 9 लाख करोड़ रुपये की कमाई की। ऑटोमोबाइल, FMCG, और हेल्थकेयर जैसे सेक्टरों में तेजी की उम्मीद है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, ने पहले जीएसटी को “गब्बर सिंह टैक्स” कहकर इसकी आलोचना की थी, उनका दावा था कि “यह MSME को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, इन नए सुधारों को लेकर अभी तक विपक्ष की कोई बड़ी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
मोदी सरकार के जीएसटी 2.0 सुधारों ने टैक्स ढांचे को सरल बनाकर और रोजमर्रा की वस्तुओं पर कर कम करके आम आदमी को राहत देने की कोशिश की है। ये बदलाव न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि छोटे व्यापारियों और MSME के लिए व्यापार को आसान बनाने में भी मदद करेंगे। हालांकि, राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव और राज्यों की चिंताओं को संतुलित करना सरकार के लिए एक चुनौती होगा।