प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने स इनकार करने वाली संविधान पीठ के फैसले की समीक्षा करने की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में खुली अदालत में सुनवाई करने की मांग की गई।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के अनुसार मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई तय है। उन्होंने कहा कि ऐसे में इस मामले को उस दिन सुनवाई की सूची से न हटाया जाए और इस पर खुली अदालत में सुनवाई हो।
पीठ ने कहा, ‘मैंने पुनरीक्षण याचिका की अभी समीक्षा नहीं की है, मुझे इसे संविधान पीठ में शामिल सभी न्यायाधीशों के बीच वितरित करने दीजिए।’ उन्होंने कहा कि थोड़ा वक्त दीजिए, हम मामले की सुनवाई खुली अदालत में करने के आग्रह पर विचार करेंगे और इसके बाद निर्णय लेंगे।