नई दिल्ली: यूपीआई लेनदेन की सीमा बढ़ाई गई है। 2000 रुपये से ज्यादा के ऑनलाइन पेमेंट पर 4 घंटे की देरी हो सकती है। 5000 रुपये के पेमेंट के बाद 24 घंटे में 50000 रुपये का पेमेंट किया जा सकता है। 2022-23 में 13,530 फ्रॉड पेमेंट हुई हैं जिसमें 49 फीसद यानी 6,659 करोड़ रुपये डिजिटल पेमेंट शामिल हैं।
ऑनलाइन लेनदेन की राह में फ्रॉड एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इससे छुटकारे के लिए सरकार कई तरह की कोशिश कर रही है। साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं, जिसके लिए कई सारे प्रस्ताव मिले हैं। अगर इन प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस प्रस्ताव के बारे में विस्तार से..
यूपीआई पेमेंट में 4 घंटे की देरी
सरकार को एक प्रस्ताव मिला है, जिसमें यूपीआई लेनदेन की सीमित करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत अगर आप 2000 रुपये से ज्यादा के ऑनलाइन पेमेंट किसी को पहली बार कर रहे हैं, तो उसमें 4 घंटे की देरी की जा सकती है। इससे फ्रॉड को होने से रोका जा सकता है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है 4 घंटे की देरी से ऑनलाइन पेमेंट की राह में नई समस्या पैदा हो सकती है, क्योंकि अगर आप 2000 रुपये या उससे ज्यादा की ग्रॉसी आइटम या कुछ और सामान खरीदते हैं, तो आपको 4 घंटे पेमेंट देरी से ग्रॉसरी सेलर सामान नहीं देगा।
ऑनलाइन फ्रॉड बनी बड़ी समस्या
बता दें कि मौजूदा वक्त में पहली बार किसी को 5000 रुपये से ज्यादा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। वही एक बार 5000 रुपये के पेमेंट के बाद अगले 24 घंटे में 50000 रुपये का अधिकतम पेमेंट किया जा सकता है। आरबीआई की एक रिपोर्ट की मानें, तो साल 2022-23 में कुल पेमेंट का 13,530 फ्रॉड पेमेंट शामिल रहे हैं। इसकी कुल कीमत 30,252 करोड़ रुपये है। इस फ्रॉड में 49 फीसद या 6,659 करोड़ रुपये डिजिटल पेमेंट शामिल हैं।