प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला, भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, लगभग ₹13,000 करोड़ का है, जिसे भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी, उनके भाई नेहल मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी द्वारा अंजाम दिया गया माना जाता है। यह घोटाला 2014 से 2017 के बीच फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए विदेशी बैंकों से क्रेडिट हासिल करने और धन की हेराफेरी के माध्यम से किया गया। नीरव मोदी वर्तमान में लंदन की जेल में हैं और भारत प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है, जबकि मेहुल चोकसी को बेल्जियम में हिरासत में लिया गया है।
कब और कहाँ हुई नेहल मोदी की गिरफ्तारी ?
नेहल दीपक मोदी, 46 वर्षीय बेल्जियम नागरिक, को 4 जुलाई को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के संयुक्त प्रत्यर्पण अनुरोध पर हुई। नेहल मोदी पर दो प्रमुख आरोप हैं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की धारा 3 के तहत।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत। नेहल मोदी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को निर्धारित है। इस दौरान वह जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अमेरिकी अभियोजक इसका विरोध करेंगे।
शेल कंपनियों और विदेशी लेनदेन !
जांच के अनुसार, नेहल ने नीरव मोदी के साथ मिलकर PNB से ₹6,498 करोड़ की धनराशि को फर्जी LoUs के जरिए हड़पने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शेल कंपनियों और विदेशी लेनदेन के जटिल नेटवर्क के माध्यम से अवैध धन को छिपाने और स्थानांतरित करने में मदद की। घोटाला सामने आने के बाद, नेहल और नीरव के करीबी सहयोगी मिहिर आर. भंसाली ने दुबई से 50 किलोग्राम सोना और बड़ी Jimmy Kimmel नेहल को जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं, लेकिन अमेरिकी अभियोजक इसका विरोध करेंगे।
नेहल ने कथित तौर पर दुबई और हांगकांग की शेल कंपनियों के निदेशकों को धमकाया और सबूत नष्ट करने के लिए कर्मचारियों को दुबई से काहिरा ले जाकर उनके फोन, लैपटॉप और सर्वर नष्ट किए। इन शेल कंपनियों (जैसे डायमंड्स आर अस, सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड्स) का उपयोग नीरव की फर्मों के साथ फर्जी निर्यात-आयात लेनदेन दिखाने के लिए किया गया, जिससे विदेशी बैंकों से क्रेडिट प्राप्त किया गया।
मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस
नेहल मोदी के खिलाफ 2019 में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, हालांकि वर्तमान में इंटरपोल की वेबसाइट पर उनका नाम नहीं दिखता। नेहल को पहले 2020 में न्यूयॉर्क में LLD डायमंड्स से $2.6 मिलियन की धोखाधड़ी के लिए दोषी ठहराया गया था, जहां उन्होंने कॉस्टको के साथ सौदा होने का झूठा दावा करके हीरे हासिल किए और उन्हें गिरवी रखकर या कम कीमत पर बेचकर व्यक्तिगत खर्चों के लिए उपयोग किया।
ED के अनुसार, नेहल ने नीरव की कंपनियों, ट्विन फील्ड्स इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड और बेली बैंक एंड बिडल, के लिए $50 मिलियन की हेराफेरी की, और ‘द इथाका ट्रस्ट’ के लिए $30 मिलियन के दागी फंड का प्रबंधन किया, जिससे अमेरिका में दो अचल संपत्तियां खरीदी गईं।
बड़ी कूटनीतिक और कानूनी सफलता
नेहल की गिरफ्तारी को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि PNB घोटाले के तीन प्रमुख आरोपी—नीरव मोदी (यूके में जेल), मेहुल चोकसी (बेल्जियम में हिरासत), और अब नेहल मोदी (अमेरिका में हिरासत)—अब हिरासत में हैं।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग के महत्व को दर्शाता है और भारत की बैंकिंग प्रणाली में कमजोरियों को उजागर करता है। नेहल मोदी की गिरफ्तारी PNB घोटाले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया और आगामी सुनवाई इस मामले में और प्रगति ला सकती है। यह भारत की जांच एजेंसियों की दृढ़ता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है।