विकासनगर। कालसी तहसील के सुरेऊ गांव में चल रहे थाती माटी पूजन और नरोता के समापन पर शनिवार को पांडवों ने खेत में हल चलाकर भूमि का बंटवारा किया। भूमि बंटवारे की परंपरा को देखने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पांडवों से गांव की खुशहाली और शांति की मन्नत मांगी। सुरेऊ गांव में चालीस साल बाद नरोता का आयोजन किया गया। इसके तहत नौ दिन और नौ रात तक ग्रामीणों ने थाती माटी की पूजा अर्चना की। शुक्रवार दिन और रात को गांव में पांडव नृत्य किया गया।
शनिवार सुबह पूजा अर्चना के बाद शुभ मुहूर्त पर पांचों पांडव माता कुंती और द्रौपदी के साथ गांव से कुछ दूरी पर डांडा खेड़ा स्थित एक खेत में पहुंचे। खेत में पूजा अर्चना, गेंडा मरण और हल चलाने की परंपरा निभाई गई। जिसके बाद पांचों पांडवों में पटरानी द्रौपदी और माता कुंती के सामने भूमि का बंटवारा किया। इस दौरान ग्रामीणों ने पांडव देवता से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। मौके पर आचार्य प्रवेश शर्मा, ब्रह्मदत्त शर्मा, श्यामनाथ राजगुरु, सियाराम शर्मा, तुलसी राम शर्मा, अतर सिंह चौहान, लाल सिंह चौहान, दर्शन सिंह चौहान, सुरेंद्र सिंह, हाकम सिंह, दीवान सिंह, विरेंद्र सिंह, जस्सू खन्ना, टीकम सिंह, दिनेश सिंह आदि मौजूद रहे।
पांडव नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र: नरोता के समापन पर पांडव नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। पांडव नृत्य के माध्यम से रुणिया साहुकार के कर्ज को चुकाए जाने के प्रसंग को दिखाया गया। खेत में हल चलाकर पांडवों ने बीज बोते हुए ग्रामीणों को अच्छी पैदावार और समृद्धि का आशीर्वाद दिया। पांडव नृत्य और भूमि बंटवारा देखने पहुंचे हजारों ग्रामीणों ने पांचों पांडवों से सुख समृद्धि और खुशहाली की मन्नत मांगी।