मुरार सिंह कंडारी
नई दिल्ली: वर्ष 2023 में, वार्ड समितियों में कोई मुद्दा नहीं उठाया गया क्योंकि समिति गठित नहीं की गई थी। पिछले कार्यकाल (2017-2022) में, निगम द्वारा आयोजित कुल बैठकों में से, वार्ड समिति की बैठक 36% (अर्थात कुल 2035 की 739 बैठकें) थीं। उनमें 61% से अधिक मुद्दे उठाए गए (अर्थात सभी समितियों में उठाए गए कुल 73,035 मुद्दो में से 44,219 वार्ड समितियों में उठाए गए)।
वर्तमान कार्यकाल (2023-2028) में, वार्ड समिति की बैठकें 47% (यानी 145 बैठकों में से 68 वार्ड समिति बैठक) थीं, जो कुल उठाए गए मुद्दो में 77% हिस्सा है (अर्थात कुल 5,316 में से वार्ड समितियों में 4,110 मुद्दे उठाए गए)।
वार्ड समिति की बैठकों में उठाए गए मुद्दों की संख्या में 5 गुणा की कमी आई, जबकि सभी समिति की बैठकों में उठाए गए मुद्दों में, पिछली अवधि (2017 से 2018) से वर्तमान अवधि (2023 से 2024) तक, 6 गुणा की कमी आई।
वर्ष 2017 से 2023 के बीच, प्रति वर्ष नागरिकों द्वारा औसतन 3,87,594 शिकायतें दर्ज की गईं। प्राप्त शीर्ष शिकायतें निम्नलिखित से संबंधित थीं, जल आपूर्ति (42%), मल-व्यवस्था (27%) और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (5%)। पश्चिम क्षेत्र में सबसे अधिक 55,506 शिकायतें जिसमें से 23,948 पानी से और 23,636 मल-व्यवस्था से संबंधित थे। नजफगढ़ प्राप्त शिकायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित 3,581 शिकायतें हैं।
वर्ष 2017 से 2023 के बीच, पानी की आपूर्ति से संबंधित औसतन 1,62,434 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। हालांकि, पिछले कार्यकाल के दौरान इस पर केवल औसतन 32 मुद्दे उठाए गए थे, और वर्तमान कार्यकाल में सिर्फ 12 उठाए गए है।
रिपोर्ट में राजधानी के 12 नगरपालिका क्षेत्रों में कार्यक्षमता, नागरिक संलग्नता और वार्ड समितियों की जवाबदेही पर प्रकाश डाला गया।
रिपोर्ट से पता चलता है कि 2017 से 2023 तक सभी क्षेत्रों में वार्षिक औसतन 387,594 शिकायतें दर्ज की गईं, जिसमें पश्चिम क्षेत्र में सबसे अधिक 55,506 संख्या प्राप्त हुई। अधिकांश शिकायतें जल आपूर्ति (42%), मल-व्यवस्था (27%), और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (5%) से संबंधित थीं।
प्रजा फाउंडेशन के सी ई ओ मिलिंद म्हस्के ने कहा, “पिछले कार्यकाल (2017-2022) में, निगम द्वारा आयोजित कुल बैठकों में से, वार्ड समिति की बैठक 36% (यानी कुल 2,035 में से 739 बैठकें) थीं। उनमें 61% से अधिक मुद्दे उठाए गए थे (अर्थात सभी समितियों में उठाए गए कुल 73,035 मुद्दों में से 44,219 मुद्दे वार्ड समितियों में उठाए गए थे)। वर्तमान कार्यकाल (2023-2028) में, वार्ड समिति की बैठकें कुल 47% (अर्थात 145 बैठकों में से 68 वार्ड समिति की बैठकें) थीं, जो उठाए गए कुल मुद्दों में से 77% थीं (अर्थात उठाए गए कुल 5,316 मुद्दों में से 4,110 मुद्दे वार्ड समिति में उठाए गाए थे)।वर्ष 2023 में, वार्ड समितियों में कोई मुद्दा नहीं उठाया गया क्योंकि समिति गठित नहीं की गई थी।
पिछले कार्यकाल (2017-2022) में, निगम द्वारा आयोजित कुल बैठकों में से, वार्ड समिति की बैठक 36% (अर्थात कुल 2035 की 739 बैठकें) थीं। उनमें 61% से अधिक मुद्दे उठाए गए (अर्थात सभी समितियों में उठाए गए कुल 73,035 मुद्दो में से 44,219 वार्ड समितियों में उठाए गए)।
वर्तमान कार्यकाल (2023-2028) में, वार्ड समिति की बैठकें 47% (यानी 145 बैठकों में से 68 वार्ड समिति बैठक) थीं, जो कुल उठाए गए मुद्दो में 77% हिस्सा है (अर्थात कुल 5,316 में से वार्ड समितियों में 4,110 मुद्दे उठाए गए)।
वार्ड समिति की बैठकों में उठाए गए मुद्दों की संख्या में 5 गुणा की कमी आई, जबकि सभी समिति की बैठकों में उठाए गए मुद्दों में, पिछली अवधि (2017 से 2018) से वर्तमान अवधि (2023 से 2024) तक, 6 गुणा की कमी आई।
वर्ष 2017 से 2023 के बीच, प्रति वर्ष नागरिकों द्वारा औसतन 3,87,594 शिकायतें दर्ज की गईं। प्राप्त शीर्ष शिकायतें निम्नलिखित से संबंधित थीं, जल आपूर्ति (42%), मल-व्यवस्था (27%) और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (5%)। पश्चिम क्षेत्र में सबसे अधिक 55,506 शिकायतें जिसमें से 23,948 पानी से और 23,636 मल-व्यवस्था से संबंधित थे। नजफगढ़ प्राप्त शिकायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित 3,581 शिकायतें हैं।
वर्ष 2017 से 2023 के बीच, पानी की आपूर्ति से संबंधित औसतन 1,62,434 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। हालांकि, पिछले कार्यकाल के दौरान इस पर केवल औसतन 32 मुद्दे उठाए गए थे, और वर्तमान कार्यकाल में सिर्फ 12 उठाए गए है।
दिल्ली, 22 अप्रैल, 2025: प्रजा फाउंडेशन ने आज “दिल्ली नगर निगम की वार्ड समितियों की स्थिति” पर अपनी रिपोर्ट जारी की”। रिपोर्ट में राजधानी के 12 नगरपालिका क्षेत्रों में कार्यक्षमता, नागरिक संलग्नता और वार्ड समितियों की जवाबदेही पर प्रकाश डाला गया।
रिपोर्ट से पता चलता है कि 2017 से 2023 तक सभी क्षेत्रों में वार्षिक औसतन 387,594 शिकायतें दर्ज की गईं, जिसमें पश्चिम क्षेत्र में सबसे अधिक 55,506 संख्या प्राप्त हुई। अधिकांश शिकायतें जल आपूर्ति (42%), मल-व्यवस्था (27%), और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (5%) से संबंधित थीं।
प्रजा फाउंडेशन के सी ई ओ मिलिंद म्हस्के ने कहा, “पिछले कार्यकाल (2017-2022) में, निगम द्वारा आयोजित कुल बैठकों में से, वार्ड समिति की बैठक 36% (यानी कुल 2,035 में से 739 बैठकें) थीं। उनमें 61% से अधिक मुद्दे उठाए गए थे (अर्थात सभी समितियों में उठाए गए कुल 73,035 मुद्दों में से 44,219 मुद्दे वार्ड समितियों में उठाए गए थे)। वर्तमान कार्यकाल (2023-2028) में, वार्ड समिति की बैठकें कुल 47% (अर्थात 145 बैठकों में से 68 वार्ड समिति की बैठकें) थीं, जो उठाए गए कुल मुद्दों में से 77% थीं (अर्थात उठाए गए कुल 5,316 मुद्दों में से 4,110 मुद्दे वार्ड समिति में उठाए गाए थे)।