नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रशांत किशोर (PK) अब अलग-अलग तरीकों से अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उनके हालिया वीडियो और इंटरव्यू से साफ हो गया है कि वह बिहार की राजनीति से पीछे हटने वाले नहीं हैं और आगे भी जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे।
इसी कड़ी में इंडिया टुडे से बात करते हुए PK ने अपनी हार के कई कारण बताए। PK का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में बहुत कुछ ऐसा है जो ठीक से फिट नहीं बैठ रहा। उन्होंने कहा कि कई आंकड़े, बूथ पैटर्न और वोटिंग ट्रेंड ऐसे हैं जो मैदान से मिले फीडबैक के हिसाब से मेल नहीं खाते।
पीके ने अपनी हार के कारण गिनाए
प्रशांत किशोर ने अपनी हार का ठीकरा कुछ बड़े कारणों पर फोड़ा है। उनके अनुसार आखिरी समय में महिलाओं के खातों में पैसे भेजना निर्णायक रहा। PK ने दावा किया कि वोटिंग से ठीक पहले 50,000 महिलाओं के खातों में पैसे भेजे गए, जिसका असर NDA के पक्ष में गया।
लालू फैक्टर और जंगलराज का डर भी पीके को हार का अपना एक कारण लगता है। उनके मुताबिक, बहुत से वोटरों के मन में अभी भी यह डर है कि कहीं जंगलराज वापस न आ जाए। इससे भी NDA को बढ़त मिली। PK ने आरोप लगाया कि इस चुनाव में “कहीं कोई अदृश्य शक्ति काम कर रही थी”। उन्होंने कहा कि लाखों वोट ऐसी पार्टियों को भी चले गए जिन्हें कोई जानता भी नहीं था।
PK ने यह भी बताया कि कई लोग उन्हें ईवीएम को लेकर शिकायत करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन उनके पास सबूत नहीं हैं।
प्रशांत किशोर की करारी हार
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार चुनाव में 238 सीटों पर प्रशांत किशोर की पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन एक भी सीट उन्हें नहीं मिली। वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने वापसी करते हुए प्रचंड जनादेश हासिल किया है और 202 सीटों पर उसकी जीत हुई। हाल ही में नीतीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, बीजेपी के सम्राट चौधरी को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है।







