नई दिल्ली l रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब 14वें दिन में दाखिल हो गया है. जमीन पर स्थिति तो ज्यादा नहीं बदली है लेकिन अब दोनों रूस और यूक्रेन के तेवर नरम पड़ते दिख रहे हैं. इसी कड़ी में रूस की तरफ से एक बड़ा बयान आया है. रूस ने कहा है कि उसको यूक्रेन सरकार को नहीं हटाना है. उस सरकार को उखाड़ फेंकने का कोई उदेश्य नहीं है.
युद्ध के 14वें दिन तेवर पड़े नरम
इससे पहले रूस ने ये भी जानकारी दी थी कि अब बातचीत यूक्रेन संग आगे बढ़ चुकी है और कुछ मुद्दों पर प्रगति भी हुई है. अब ये कौन से मुद्दे हैं, किन बातों पर सहमति बनी है, ये अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन इस तनावपूर्ण माहौल के बीच इसे एक बड़ा डेवलपमेंट माना जा रहा है. वैसे इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी साफ कर चुके हैं कि अब वे नेटो की सदस्यता लेने पर ज्यादा फोकस नहीं दे रहे हैं. ऐसे में उनके स्टैंड में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है.
नेटो में शामिल नहीं होगा यूक्रेन?
रूस का शुरुआत से ही ये स्टैंड रहा है कि यूक्रेन नेटो में शामिल ना हो. वो हमेशा से इसे अपने देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानता है. अब अगर जेलेंस्की इस डिमांड से पीछे हट जाते हैं, तो युद्ध समाप्त करने का एक बड़ा मौका मिल सकता है. लेकिन अभी के लिए ये सबकुछ सिर्फ बयानों तक सीमित है और जमीन पर ज्यादा प्रगति नहीं देखने को मिल रही. अब इस प्रगति को ही और तेज करने के लिए बातचीत की टेबल पर फिर आने की तैयारी है. इस बात के संकेट यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दे दिए हैं. उनकी माने तो वे रूस एक बार फिर बातचीत करने को तैयार है. जोर देकर कहा गया है कि शांति स्थापित करना जरूरी है और उसके लिए जितनी बार भी बात करनी पड़े, वो की जाएगी.
अमेरिका क्या करने वाला है?
वैसे इस बातचीत के बीच यूक्रेन को अब कई देशों से सहायता मिलनी शुरू हो गई है. कोई प्रतिबंधों के जरिए अपना समर्थन जाहिर कर रहा है तो कोई सीधे सैन्य हथियार उपलब्ध करवा रहा है. खबर है कि अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस पोलैंड दौरे पर जा सकती हैं. वहां पर यूक्रेन को सैन्य सहायता देने पर मंथन किया जा सकता है.