प्रकाश मेहरा
अयोध्या। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में लिखा है,अवध तहां जहां राम निवासू यानी अयोध्या वहीं है,जहां राम का वास है। ऐसी अयोध्या के अणु-अणु में वास करने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। पूरी अयोध्या वैसे ही सज रही है, जैसे त्रेतायुग में चौदह वर्ष वनवास के बाद लौटे अपने राजा राम के लिए सजी होगी। जहां भी दृष्टि पड़ती है, निर्माण और संवारने का काम दिखता है। ऐतिहासिक गलियों से लेकर बाजारों तक को स्वागत के लिए स्थायी रूप से तैयार किया जा रहा है। यह बदलाव मुनादी है अयोध्या नगरी के कायांतरण की। अब 22 जनवरी को आहूत प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी अपने चरम पर है। आइए, प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व संवरती अयोध्या की सघन यात्रा करते हैं प्रकाश मेहरा के साथ-
श्री राम के लिए अवध सजधज कर तैयार
सरयू तट पर बसी अयोध्या इन दिनों देश-दुनिया का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बन गई है। हर ओर कुछ न कुछ तैयारी चल। ही रही है। ऐसा लगता है कि जैसे सच में दुल्हन की तरह साकेत को सजाया जा रहा है। अयोध्यावासी हों या दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालु, हर किसी का तन और मन आह्यदित नजर आता है। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं। कोई कोर कसर न रह जाए इसकी चिता हर किसी को है। इस बात को बल देते हैं दंडी स्वामी प्रबंध समिति के महामंत्री विश्वस्वरूप ब्रत्मचारी। वह बताते हैं कि भगवान राम ने स्वयं अपने मुख से कहा है कि मम धामदा पुरी सुख राशि यानि हमारी अयोध्या समस्त सुखों को प्रदान करने वाली है। जिस वैभव की रामराज्य के समय कल्पना की गई है, वह जैसे पुनः अपना आकार ले रही है। रामराज्य की अवधारणा जैसी फलीभूत हो रही है। वह दावा करते हैं कि अयोध्या विश्व कल्याण का केंद्र बनेगी। उनकी आंखों में एक चमक नजर आ रही है, जैसे इसी दिन का वह बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह चमक अयोध्या के जनमानस में आपको सहज ही दिख जाएगी।
हर ओर सजावट-तैयारी
अयोध्या में इन दिनों शायद ही कोई सड़क-गली और मोहल्ला हो, जहां कुछ न कुछ निर्माण कार्य न चल रहा हो। मंदिर परिसर से लेकर अयोध्या की सड़कों-गलियों तक से छेनी-हथौड़ी से लेकर बड़ी- बड़ी मशीनों की गड़गड़ाहटतक को आप सुन और महसूस कर सकते हैं।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन अयोध्या चैप्टर के चेयरमैन शंकर जयसवाल सहज ही बोल पड़ते हैं, हमारी अयोध्या में मंदिर के साथ ही हजारों करोड़ की योजनाएं एक साथ चल रही हैं। रिंग रोड, एयरपोर्ट, चौड़ी-चौड़ी सड़कें, रेलवे ओवरब्रिज, पर्यटन विकास के लिए कई योजनाएं बदलाव की मुनादी हैं। सोने पर सुहागा है राज्य सरकार द्वारा दी जा रही उद्योगों को ससिडी। वह धर्म के साथ ही उद्यम के नजरिए से भी साकेत को निहारते हैं। वह कहते हैं, चौतरफा विकास और राममंदिर की वजह से पर्यटन की अपार संभावनाओं ने जन्म लिया है। इसके चलते हर तरह के व्यवसाय में दिन दुनी-रात चौगुनी तरक्की हो रही है।
अयोध्या के दोनों परिक्रमा पथों का चौड़ीकरण हो रहा है। सड़कें-गलियां संवारी जा रही हैं, जिनके घर या जमीन इन मार्गों पर आ रहे हैं, उन्हें मुआवजा दिया गया है। सरयू के घाटों को संवारा जा रहा है। सुर-साधिका लता मंगेशकर की स्मृति में लता चौक
बनाया गया है। एक विशाल वीणा की आकृति चौराहे पर लगाई गई है। ऐसे ही एक चौराहे पर मां सीता के कर्णफूल की बड़ी आकृति स्थापित है। यहां आकर वे तमाम लोग ठिठक जाएंगे, जिन्हें इधर के एक-दो साल में अयोध्या आने का अवसर नहीं मिला। लता चौक से जब राममंदिर की ओर बढ़ेगे, तो चौड़ी सड़क और उसके दोनों ओर एक जैसी खास आकृति के विशेष रंग में रंगे मकान त्रेतायुगीन अयोध्या का अहसास कराएंगे। यहां से आप चंद मिनट में श्रीराम मंदिर के मुख्य द्वार पर होंगे और आपको भव्य राम मंदिर के दर्शन होंगे।
हनुमान गढ़ी में सहज दर्शन
राममंदिर से कुछ पहले कभी बेहद सकरी गलीनुमा सड़क हनुमान गढ़ी तक ले जाती थी, वह अब अपने भव्य आकार में नजर आएगी। हनुमत निवास के महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण कहते हैं, ‘प्रगति के कई आयाम हैं। भौतिक व आध्यात्मिक, दोनों स्तर पर प्रगति जरूरी है। भौतिक प्रगति में बाजारवाद की अवधारणा भले विसंगतियां पैदा करती है, पर आधारभूत संरचनाओं का विकास समय की मांग है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने समन्वय के साथ अयोध्या की जरूरतों को समझा भी है और उस दिशा में सार्थक व सराहनीय पहल की है।’ वह आनंद में अपनी आंखें मूंद लेते हैं।
आंदोलन से प्रतिष्ठा तक का सफर
तमाम आंदोलनों की लंबी और रक्तिम यात्रा के बाद राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा का दिन ‘भारतीयों को गौरवान्वित कर रहा है। इस शुभघड़ी के साथ ही अयोध्यावासियों के जीवन में बड़े और सकारात्मक बदलाव का अवसर भी आ गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह से नव्य और भव्य अयोध्या की परिकल्पना है, वह निश्चित तौर पर धार्मिक पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र होगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि निकट भविष्य में यहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पहुंचेंगे।
बदलाव को पंख उसी दिन लग गए थे, जिस दिन सर्वोच्च अदालत ने रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला सुनाया। वह दिन भी आ गया, जब मंदिर स्थापना के लिए भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। रामनगरी अयोध्या तमाम बड़े नगरों को मात देने के लिए तत्पर है।
मणिराम छावनी के महंत कमलनयन दास कहते हैं, ‘500 सालों की प्रतीक्षा के बाद राम मंदिर का निर्माण सुखद है। इसके साथ अयोध्या का चौमुखी विकास भी महत्वपूर्ण है। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट व मेडिकल कॉलेज के जरिए अलग पहचान मिल रही है। यह तरक्की कल्पना से परे है।’
स्वागत करते प्रवेश द्वार
लखनऊ-प्रयागराज-वाराणसी आदि क्षेत्रों से आकर अयोध्या के मुख्य मार्ग पर प्रवेश करते ही आप ठिठक जाएंगे। इन मागों पर भव्य श्रीराम द्वार आपका स्वागत करते नजर आएंगे। जब आप लखनऊ हाईवे से फैजाबाद में प्रवेश करेंगे, तो आपको यकीन नहीं होगा कि हमेशा जाम से जूझते मार्ग का कायाकल्प हो चुका है। अब यह सड़क रामपथ है। इस पर चलते हुए आपको लगेगा कि जैसे आप सच में साकेत के राजपथ पर चल रहे हैं। दोगुनी से ज्यादा चौड़ी यह सड़क अयोध्या के बदलाव की कहानी कहती है। अयोध्या को भव्यता प्रदान करने के लिए नगर के प्रवेश मार्गों पर छह विशालकाय द्वार तैयार हो रहे हैं। 73 करोड़ से ज्यादा की धनराशि इन द्वारों पर खर्च हो रही है।
रामपथ से भक्तिपथ तक
रामपथ के अतिरिक्त धर्मपथ, भक्तिपथ और जन्मभूमि पथ पर चलते हुए आप अलग अनुभूति से भर जाएंगे। 798 करोड़ की लागत से 13 किलोमीटर रामपथ का काम पूरा होने की कगार पर है। 68 करोड़ से भक्तिपथ, 39 करोड़ से श्रीरामजन्मभूमि पथ और 65 करोड़ से धर्मपथ का सौंदर्गीकरण हो रहा है। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग 773 करोड़ से और 1,140 करोड़ से 14 कोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है। 56 सौ करोड़ से अयोध्या रिंग रोड के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। यहां लोगों के चेहरे ही बताने लगे हैं कि अयोध्या का भविष्य उज्ज्वल है।
पर्यटन का सौंदरीकरण
अयोध्या को पर्यटन के एक नए और विशेष केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां सूरजकुंड और गुप्तार घाट बनकर तैयार हो गया है। जल क्रीड़ा के तमाम साधन उपलब्ध कराए जाने का काम शुरू हो चुका है। सरयू नदी में क्रूज के साथ पर्यटक वाटर स्कूटर, स्टीमर का मजा ले सकेंगे। भरतकुंड के सुन्दरीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है। गिद्धराज जटायु की प्रतिमा स्थापित हो चुकी है। अयोध्या के पौराणिक स्थलों के पुनरोद्धार का काम भी बड़े पैमाने पर चल रहा है। यहां 33 मठ-मंदिरों में सुदृढ़ीकरण और रंग-रोगन का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
अभूतपूर्व प्राण प्रतिष्ठा की दुनिया भर में चर्चा
श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को अभूतपूर्व बनाने की तैयारी चरम पर है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर संघ और ट्रस्टी तक इस कार्यक्रम में एक-एक व्यक्ति के आमंत्रण से लेकर पल-पल के आयोजन तक का बेहद बारीकी से परीक्षण कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा में देश-विदेश के 7,000 अतिविशिष्ट एवं विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया गया है, इसमें बड़ी संख्या संतों की है। इसके अलावा उद्योगपति, मीडिया घराने, खेल जगत, सिने जगत, कलाकार, साहित्यकार, समाजसेवी सहित लगभग सभी क्षेत्र के शीर्ष लोगों को आमंत्रित किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा के यजमान प्रधानमंत्री मोदी होंगे। इस आयोजन में अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, पूर्व पीएम एचडी देवगौडा के अलावा सोनिया गांधी, खड़गे सहित प्रमुख राजनेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। अयोध्या के आईजी प्रवीण त्रिपाठी बताते हैं कि प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित अतिथियों का हर तरह से ख्याल रखा जाएगा। लखनऊ से आएं या दिल्ली से आयोजन स्थल तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। रुकने के लिए हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। टेंट सिटी तैयार हो रही है। होटलों को जरूरत पड़ने पर अधिग्रहित किया जा सकता है। सहूलियत और सुरक्षा का बेहतर बंदोबस्त किया जा रहा है।