नई दिल्ली। वैसे तो चुनावों के दौरान तमाम तरह के विवाद, आरोप-प्रत्योप सामने आते ही रहते हैं, लेकिन दिल्ली में वोटिंग से ठीक पर बुर्के पर तकरार छिड़ी हुई है. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली चुनाव आयोग से मुलाकात करके मतदान के लिए आने वाली बुर्काधारी मतदाताओं के सही तरीके से वेरिफिकेशन की मांग की है. बीजेपी द्वारा मुस्लिम महिला मतदाताओं की पहचान की मांग उठाने से राजनीति में अलग ही तूफान उठ खड़ा हुआ है. अब इस मामले में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है.
दिल्ली भाजपा का एक प्रतिनिधमंडल में विधायक अजय महावर, जितेन्द्र महाजन और मोहन सिंह विष्ट, वकील नीरज गुप्ता ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन देते हुए निवेदन किया है कि वोटिंग वाले दिन जो भी बुर्का पहने हुए हो या फिर किसी ने मास्क लगाया हो, उनका पूरी तरह से चेहरा खुला होना चाहिए ताकि किसी भी तरह की गलत वोटिंग ना हो सके. इसके पीछे का कारण दिल्ली भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्य से किसी भी प्रकार का कोई फेड वोटिंग ना हो.
चुनाव आयोग ने भरोसा दिया है कि इस मामले में कानूनी तौर पर जो भी बेहतर विकल्प होगा उस पर वह काम करेंगे और कोशिश करेंगे कि किसी भी प्रकार की गलत वोटिंग को समाप्त कर दिया जाए. बीजेपी द्वारा उठाए इस मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी बिना वजह से विवाद खड़ा कर रही है.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने एक्स पर लिखा- “तेलंगाना में पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान इनके (बीजेपी) उम्मीदवार ने मुस्लिम ख़्वातीन की सरेआम बेइज़्जती की और परेशान करने का काम किया. हर चुनाव में भाजपा कोई न कोई बहाना ढूंढ कर मुस्लिम ख़्वातीन को परेशान करती है और निशाना बनाती है.”
असदुद्दीन ओवैसी लिखते हैं- “परदा-नशीन औरतों को लेकर निर्वाचन सदन के साफ कवाईद और ज़ाबते हैं, चाहे वो बुर्के में हों या घूंघट में हों या मास्क में, बिना तस्दीक/जांच के किसी को भी वोट देने नहीं दिया जाता है तो फिर भाजपा को ऐसी ख़ास मांग क्यों करनी पड़ी?”
उन्होंने कहा कि बीजेपी का मकसद है कि बस मुस्लिम औरतों को निशाना बनाया जाए, उनको सताया जाए और उन्हें वोट देने में बाधा बनाया जाए.