मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को 64 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद रूसी सेन यूक्रेन में कोई खास सफलता नहीं मिली है। यही कारण है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुति ने अब रशियन आर्म्ड फोर्सेज के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोवको यूक्रेन पर आक्रमण की कमान सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, जनरल गेरासिमोव मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्रालय के एयर कंडीशन वाले ऑफिस को छोड़कर यूक्रेन की जमीन से आपरेशन को लीड कर रहे हैं। अमूमन कम ही देखा जाता है कि किसी देश का आर्मी चीफ युद्ध के मैदान में सबसे आगे खड़े होकर हमले की अगुवाई करे। इससे पता चलता है कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर जीत दर्ज करने को लेकर कितने उतावले हैं।
यूक्रेन से ऑपरेशन को लीड कर रहे रूसी आर्मी चीफ
ऐसी अपुष्ट खबरें हैं कि जनरल गेरासिमोव यूक्रेन चले गए हैं और हो सकता है कि वे रूसी अभियान की संपूर्ण कमान संभाल रहे हों। जनरल गेरासिमोव रशियन आर्म्ड फोर्सेज के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हैं। उन्हें नवंबर 2012 में राष्ट्रपति पुतिन ने इस पद पर नियुक्त किया था। वर्तमान में वे रूसी सेना के सबसे शीर्ष अधिकारी हैं। यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण की कमान उन्हीं के हाथ में थी। लेकिन, रूसी सेना को लगातार मिलती असफलता से पुतिन गुस्सा हैं और उन्होंने सभी शीर्ष अधिकारियों को किसी भी हालत में यूक्रेन को घुटनों पर लाने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
आर्मी चीफ के थिएटर कमांड को संभालने पर सवाल
अब सवाल खड़ा हो रहा है कि रूसी सेना का शीर्ष अधिकारी एक थिएटर कमांड की जिम्मेदारी क्यों संभाल रहा है। अगर उनके यूक्रेन पहुंचने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि हो जाती है तो इसे रूस की रणनीति में एक बड़ा बदलाव माना जा सकता है। किसी राष्ट्र के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी का पद छोड़कर एक ऑपरेशनल कमांड का नेतृत्व संभालना बहुत ही असामान्य घटना है। इससे संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति पुतिन के पास यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के लिए अब कोई विकल्प नहीं बचा है। ऐसे में पुतिन के निर्देश पर आर्मी चीफ को जंग के मैदान में उतरना पड़ा है।
क्या दूसरे जनरल को आर्मी चीफ बनाएंगे पुतिन?
सवाल यह भी है कि अगर जनरल गेरासिमोव यूक्रेन चले गए हैं तो उनकी जगह कौन नियुक्त होगा। या फिर वे खुद ही जंग के मैदान से वापस लौटकर सेना की कमान संभालेंगे। लेकिन, युद्ध के दौरान रूसी सेना के शीर्ष पद को बहुत लंबे समय तक खाली भी नहीं छोड़ा जा सकता है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि रूसी सेना का नया प्रमुख किसे बनाया जाता है। दरअसल जनरल गेरासिमोव के कार्यकाल में ही रूसी सेना का आधुनिकीकरण हुआ है। रूस ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का 80 फीसदी हिस्सा अपग्रेड कर लिया है।