नई दिल्ली l पिछले 23 दिनों से दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल और विरोध प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कर्मचारियों की मांग को दिल्ली सरकार ने स्वीकार कर लिया है. उनकी मांग थी कि उन्हें कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, वेतन फिक्स हो और स्वास्थ्य सेवाएं मिले.
इसको लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आंगनबाड़ी वर्कर्स से हड़ताल खत्म करने की मांग की. दिल्ली सरकार ने आगनबाड़ी वर्कर्स का मानदेय बढ़ाने का भी फैसला किया है.
इसस पहले साल 2017 में आंगनबाड़ी के वर्कर्स और हेल्पर्स का मानदेय बढ़ाया गया था. बीते 23 दिनों से वो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे.
मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना डिमांड पत्र हमें दिया था, हमने फैसला किया है कि आज के हिसाब से उनका मानदेय बढ़ाया जाए.
अभी आंगनबाड़ी वर्कर्स को 9678 रुपए हर महीने मिल रहे हैं, इसे बढाकर 11220 किया जा रहा है, साथ में 1500 कन्वेंस एंड कम्युनिकेशन एलाउंस मिलेगा, अबतक 200 रुपए हर महीने कम्युनिकेशन एलाउंस मिलता था. अब आंगनबाड़ी वर्कर्स को कुल 12,720 रुपए मिलेंगे, यह पूरे भारत मे सबसे ज्यादा है.
इसी तरह, आंगनबाड़ी हेल्पर्स को अभी तक 4839 रुपए प्रति महीने मिलते थे, अब इसे बढ़ाकर 5610 किया जा रहा है, उन्हें भी 1200 रुपए हर महीने अलग से मिलेंगे, यानी हेल्पर्स को अब कुल 6810 रुपए मिलेंगे.
प्रदर्शनकारियों ने कहा जारी रहेगी हड़ताल
कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठी आंगनवाड़ी महिलाओं का दिल्ली सरकार ने मानदेय बढ़ा दिया है लेकिन प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हैं. महिलाओं ने ऐलान किया है कि उनकी हड़ताल अभी जारी रहेगी.
हालांकि दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन की माने तो उन्होंने साफ कर दिया है सरकार ने जो मानदेय बढ़ाया है वह उससे नाखुश हैं. उनकी हड़ताल अभी आगे भी इसी तरीके से जारी रहेगी.