रुडकी। लंबे इंतजार के बाद लक्सर में गन्ना समिति के गोदामों पर यूरिया खाद पहुंच गया। साथ ही लक्सर की आठ व खानपुर की तीन सहकारी समितियों पर भी यूरिया आ गया। इसका पता चलते ही किसान बड़ी संख्या में यूरिया लेने उमड़ पड़े। यूरिया के लिए समितियों पर पूरे दिन किसानों के बीच आपाधापी मची रही।
इस समय किसानों को गन्ने के अलावा धान की पौध बुआई के लिए यूरिया खाद की जरूरत पड़ रही है। ज्यादातर किसान गन्ना समिति या फिर अपने क्षेत्र की सहकारी समिति से खाद लेते हैं। वहां से किसानों को साल भर के लिए खाद उधार मिल जाता है। साथ ही खाद सीधे इफ्को से आने के कारण इसमें मिलावट की आशंका भी नहीं होती। पर एक महीने से गन्ना समिति और दूसरी सहकारी समितियों पर यूरिया खत्म था। मांग ज्यादा होने से बाजार में यूरिया महंगी दरों पर बिक रहा था। बड़े किसान तो दुकानों से खरीदकर यूरिया डाल रहे थे, पर छोटे किसान परेशान थे।
दो दिन पूर्व इफको से 2649 मीट्रिक टन यूरिया की रैक हरिद्वार आई थी। इसमें से 2220 मीट्रिक टन यूरिया हरिद्वार की समितियों को व बाकी 429 मीट्रक टन यूरिया गढ़वाल के दूसरे जिलों को गया था। इसका पता चलने पर सोमवार सुबह गोदाम खुलने के भी घंटों पहले से किसान समितियों पर पहुंचने लगे। गोदाम खुलने तक समितियों से यूरिया लेने के लिए किसानों की भारी भीड़ में आपाधापी रही। लक्सर गन्ना समिति में प्रभारी सचिव सूरजभान सिंह ने बताया कि समिति के सभी गोदामों पर किसानों को यूरिया वितरित किया जा रहा है। लेकिन गोदामों पर यूरिया लेने के लिए किसान जिस कदर उमड़ रहे हैं, उससे गोदामों पर मुश्किल से दो दिन के भीतर यूरिया का स्टॉक निल होने की संभावना लग रही है।