नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट आने के बाद से इस बात की चर्चा खूब हो रही है कि क्या अब बीजेपी और आरएसएस में पहले जैसा समन्वय नहीं रहा। एक दूसरे के पूरक कहे जाने वाले बीजेपी और आरएसएस को लेकर आखिर ऐसी खबरें क्यों आ रही है ? देखिए पूरा विश्लेषण एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा के साथ
बीजेपी में आगे बढ़ना काफी मुश्किल
पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब उन्होंने कहा था कि मैं मूल रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक रहा हूं। बताया जाता है कि बिना संघ के बैकप के बीजेपी में आगे बढ़ना काफी मुश्किल है। यह बात भी साफ है कि इस लोकसभा चुनाव में संघ ने बीजेपी की वैसी मदद नहीं की, जैसे पहले से करता आया है। 1980 जब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई उसके ठीक दो हफ्ते बाद पार्टी के पहले महासचिव लालकृष्ण अडवाणी ने गुजरात यूनिट के पहले सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी आरएसएस के साथ अपना संबंध कभी नहीं तोड़ेगी। तो फिर ऐसा क्यों और कैसे हो गया कि बीच चुनाव बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान में कहा, अब हमें आरएसएस की जरूरत ही नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं।
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने सत्तारूढ़ बीजेपी को अहंकारी और विपक्षी इंडिया ब्लॉक को राम विरोधी करार दिया है, इंद्रेश ने कहा, “राम सबके साथ न्याय करते हैं 2024 के लोकसभा चुनावों को देख लीजिए. जिन्होंने राम कि भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे धीरे अहंकार आ गया.जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी”.
'जो अहंकारी बन गए उन्हें 241 पर रोक दिया'
◆ RSS नेता इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान pic.twitter.com/lSWmWabTuX
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Ayodhya के संतों का इंद्रेश कुमार के अंहकार वाले बयान पर फूटा गुस्सा !उन्होंने क्या कहा आप भी सुनिए
इंद्रेश कुमार पर ही सवाल खड़े!
RSS ने बीजेपी पर सवाल उठाए, तो श्री राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास महाराज सामने आए, और उन्होंने इंद्रेश कुमार पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा ‘इंद्रेश कुमार अपनी विफलता का आरोप दूसरों पर लगा रहे हैं…’
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय क्या बोले-
RSS नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “भाजपा को जितनी सीट मिली है उतना कांग्रेस के तीन चुनाव की गणना भी अगर करें तो वे वहां नहीं पहुंच पाए हैं…”
#WATCH रायपुर: RSS नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, "भाजपा को जितनी सीट मिली है उतना कांग्रेस के तीन चुनाव की गणना भी अगर करें तो वे वहां नहीं पहुंच पाए हैं…" pic.twitter.com/k2f2CNxGeA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2024
RSS और BJP के बीच माँ-बेटे का झगड़ा
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि “मोहन भागवत जी का बयान, Organizer पत्रिका के लेख और इंद्रेश कुमार का बयान साबित करता है कि RSS और BJP के बीच माँ-बेटे का झगड़ा शुरू हो गया है। माँ (RSS) ने बेटे (BJP) का और बेटे (BJP) ने माँ (RSS) का त्याग करने का फ़ैसला कर लिया है।”
मोहन भागवत जी का बयान, Organizer पत्रिका के लेख और इंद्रेश कुमार का बयान साबित करता है कि RSS और BJP के बीच माँ-बेटे का झगड़ा शुरू हो गया है।
माँ (RSS) ने बेटे (BJP) का और बेटे (BJP) ने माँ (RSS) का त्याग करने का फ़ैसला कर लिया है।
इस झगड़े को शुरुआत होती है BJP अध्यक्ष JP… pic.twitter.com/YpUuT3C0vJ
— AAP (@AamAadmiParty) June 14, 2024
इंद्रेश कुमार के बयान पर कांग्रेस नेता
RSS नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “RSS को कौन गंभीरता से लेता है? पीएम मोदी खुद तो गंभीरता से लेते नहीं, तो हम क्यों लें?… जब बोलने का समय था, तब बोला होता तो सब गंभीरता से लेते। तब वे (RSS) चुप रहे। सत्ता के मजे उन्होंने भी लिए। हर जिले हर गलियारे में RSS के कार्यालय बन रहे थे.”
#WATCH दिल्ली: RSS नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "RSS को कौन गंभीरता से लेता है? पीएम मोदी खुद तो गंभीरता से लेते नहीं, तो हम क्यों लें?… जब बोलने का समय था, तब बोला होता तो सब गंभीरता से लेते। तब वे(RSS) चुप रहे। सत्ता के मजे उन्होंने भी लिए। हर… pic.twitter.com/FCD786tNh0
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सुहास पलशिकर नहीं मानते बीजेपी और संघ में कोई टकराव
राजनीतिक विश्लेषक सुहास पलशिकर ने एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से बातचीत में बताया कि “मुझे नहीं लगता कि बीजेपी और संघ में कोई बुनियादी मतभेद है. जिन मुद्दों पर काम करना है उस पर दोनों में सहमति है. पलशिकर ने कहा कि मौजूदा समझौते को यूनियनों और संबद्ध संगठनों की सांस्कृतिक क्षेत्र में आज़ादी और प्रशासन और आर्थिक नीतियों के क्षेत्र में बीजेपी की स्वायत्तता के रूप में देखा जाता है.”
उनके अनुसार, बीजेपी और संघ जिस सामाजिक और सांस्कृतिक सर्वोच्चता को स्थापित करना चाहता है, उस पर वे स्पष्ट हैं. लेकिन संभव है कि सरकार के चलाने के तरीक़े पर मतभेद हो.
वो कहते हैं, “संघ को बीजेपी से कोई शिकायत नहीं है. लेकिन मोदी की बीजेपी नाराज़ है. क्योंकि, संघ एक सीधी रेखा में है. इसलिए संघ बीजेपी की विखंडित राजनीति और उससे बीजेपी की खराब हो रही छवि से सहमत नहीं है. भागवत के ये बयान उसी से आए होंगे. इसका मतलब ये नहीं कि संघ और बीजेपी में मतभेद है. लेकिन, थोड़ा तनाव ज़रूर है.”
सच्चे ‘सेवक’ में अहंकार नहीं होता…
इंद्रेश कुमार से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान भी चर्चा में आया था. मोहन भागवत ने कहा था, जो सच्चे सेवक हैं, जिसे वास्तविक सेवक कहा जा सकता है, वो मर्यादा से चलता है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है लेकिन कर्मों में लिपटा नहीं होता. उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया. वही सेवक कहने का अधिकारी रहता है. एक सच्चा ‘सेवक’ गरिमा बनाए रखता है. वो काम करते समय मर्यादा का पालन करता है. उसे यह कहने का अहंकार नहीं है कि ‘मैंने यह काम किया’. सिर्फ उस व्यक्ति को सच्चा ‘सेवक’ कहा जा सकता है.
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