नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिख समुदाय को दुनिया के देशों के साथ भारत के संबंधों की एक प्रमुख कड़ी करार दिया और कहा कि भारत की बढ़ती हुई साख से सबसे ज्यादा किसी का सिर ऊंचा होता है तो वह प्रवासी भारतीय ही हैं. प्रधानमंत्री 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर एक सिख प्रतिनिधिमंडल की अगवानी करने के बाद उन्हें संबोधित कर रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले सिख समुदाय के लोग शामिल थे.
कनाडा, ईरान और फ्रांस सहित विभिन्न देशों की यात्राओं के दौरान प्रवासी सिखों से हुई अपनी मुलाकातों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी वह विदेश दौरों पर जाते हैं, तो उन्हें सिखों के संगत का सौभाग्य मिलता है. उन्होंने कहा, “सिख समुदाय ने भारत और दूसरे देशों के रिश्तों की कड़ी बनने का काम किया है.” प्रधानमंत्री आवास पहुंचे सिख प्रतिनिधिमंडल में बड़ी संख्या में प्रवासी थे.
‘प्रवासी भारतीय मां भारती की बुलंद आवाज’
मोदी ने कहा कि वह प्रवासी भारतीयों को हमेशा से भारत का ‘राष्ट्रदूत’ मानते हैं. उन्होंने कहा, “आप सभी भारत से बाहर मां भारती की बुलंद आवाज हैं… बुलंद पहचान हैं. भारत की प्रगति देखकर आपका भी सीना चौड़ा होता है… आपका भी सिर गर्व से ऊंचा होता है.” सिख परंपरा को “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की जीवंत परंपरा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं ने आत्मसम्मान और मानव जीवन के गौरव का जो पाठ पढ़ाया, उसका प्रभाव हर सिख के जीवन में दिखता है.
‘नया भारत नए आयामों को छू रहा है’
उन्होंने कहा, “आजादी के अमृत काल में आज यही देश का भी संकल्प है. हमें आत्मनिर्भर बनना है, गरीब से गरीब व्यक्ति का जीवन बेहतर करना है.” प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत में कई प्रकार के सवाल उठाए जा रहे थे, लेकिन आज भारत टीकों का “सबसे बड़ा सुरक्षा कवच” तैयार करने वाला देश बनकर उभरा है. उन्होंने कहा, “नया भारत नए आयामों को छू रहा है, पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है. कोरोना महामारी का ये कालखंड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.”
उन्होंने कहा कि कोरोना के इसी कालखंड में भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इको-सिस्टम में से एक बनकर उभरा और उसके ‘यूनिकॉर्न’ की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा, “भारत का ये बढ़ता हुआ कद… ये बढ़ती हुई साख… इससे सबसे ज्यादा किसी का सिर ऊंचा होता है तो वो हमारा डायस्पोरा है.”