- गोकुल स्थित वासुदेव वाटिका से वृंदावन के जुगल किशोर घाट की दूरी 22 किलोमीटर
- प्रथम चरण के अंतर्गत मथुरा और वृंदावन में विकसित होंगे 8 जेट्टी, 3 मथुरा और 5 वृंदावन में
- परियोजना पर आ रही 28.35 करोड़ की लागत, विप्रा और की मार्ग प्राधिकरण करेंगे काम
सतीश मुखिया/मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण के गांव-गोकुल से श्री बांके बिहारी जी की नगरी वृंदावन तक यमुना जल मार्ग विकसित करने की योजना अब जल्द मूर्तरूप लेने जा रही है। अगले माह मई के अंत तक यमुना किनारे जेट्टी तैयार हो जाएंगे। इसके लिए एमवीडीए और जल मार्ग प्राधिकरण ने टेंडरिंग प्रक्रिया शुरु कर दी हैँ। गौरतलब रहे कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की पहल पर मथुरा में यमुना जल मार्ग विकसित होने जा रहा है।
इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए भारतीय अंतरराज्यीय जल मार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष विजय कुमार की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक हुई। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, सीईओ श्याम बहादुर सिंह, संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश जल मार्ग, पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश कुमार सहित नगर निगम, सिंचाई विभाग व अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान परियोजना की वर्तमान प्रगति पर चर्चा हुई। बताया कि गोकुल से वृंदावन तक 22 किलोमीटर लम्बे इस जल मार्ग में 11 जेट्टी तैयार होंगे। प्रथम चरण के अंतर्गत 8 जेट्टी को स्थापित किया जाएगा, जिसमें तीन मथुरा और पांच वृंदावन में होंगे।
जल मार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि जेट्टी बनाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। मई माह के अंत तक कुछ जेट्टी तैयार कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मथुरा जल मार्ग के लिए वेसल को लाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। इसका आकार और दूरी समस्या बन रही है। इसे देखते हुए अब फाइवर बोट्स का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यमुना में कई स्थानों पर कम जल की समस्या रखी। इसके लिए एक संयुक्त कमेटी से सर्वें किए जाने का फैसला किया गया। एआरटीओ के स्तर से बोट्स के रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे। स्थानीय नाविक भी इसके अंतर्गत विकसित वाली वाली जेट्टी की सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने कहा कि बोट्स सोलर और बैटरी संचालित हों, डीजल पट्रोल का उपयोग न किया जाए। साथ ही उन्होंने देवराह बाबा घाट और केसी घाट के पेंटून पुल की समस्या को उठाया, जिनके कारण बोट्स का संचालन वृंदावन तक सम्भव नहीं होगा। इस समस्या का समाधान तकनीकी टीम से निकलने का फैसला किया गया।
इस दौरान विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह ने बताया कि जेट्टी के आसपास जनसुविधाए विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जल मार्ग में बनने वाले जेट्टी का उपयोग स्थानीय नाविकों द्वारा भी किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर 28 करोड़ से अधिक लागत आ रही है। इसकी जेट्टी अंत्तरराज्यीय जल मार्ग प्राधिकरण तथा उनके आसपास जन सुविधाए तथा सम्पर्क मार्ग मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण विकसित करेगा।