नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की जगह नए चेहरों की एंट्री होने जा रही है. सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना को मंत्री के तौर आज शपथ लेंगे. आतिशी पहली बार मंत्री बनने जा रही हैं जबकि सौरभ भारद्वाज की फरवरी 2014 के बाद अब दोबारा से कैबिनेट में वापसी हो रही है. ऐसे में सभी के मन में एक ही बात है कि सिसोदिया-सत्येंद्र जैन की जगह मंत्री बनने वाले दोनों नेता कौन है और उनकी आखिर क्या ताकत है कि उन्हें ही इन दोनों नेताओं की जगह क्यों चुना गया?
दरअसल, मनीष सिसोदिया को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. जबकि सत्येंद्र जैन पहले से ही भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं. सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने और सत्येंद्र जैन ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था. दोनों के इस्तीफों के बाद केजरीवाल की कैबिनेट में सिर्फ चार मंत्री रह गए थे. ऐसे में केजरीवाल ने सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना को मंत्री बनाने की सिफारिश एलजी को भेजी थी.
आतिशी मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही हैं. माना जाता है कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने में उनकी अहम भूमिका रही है. वहीं, सौरभ भारद्वाज तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, इतना ही नहीं वे आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता भी हैं, वे किसी भी मुद्दे पर आप सरकार और पार्टी का पक्ष मजबूती से रखते नजर आते हैं.
दिल्ली को मिले 2 नए मंत्री, आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने ली शपथ
दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से तीसरी बार विधायक सौरभ भारद्वाज 9 साल के बाद मंत्री बनने जा रहे हैं. अन्ना आंदोलन के बाद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन किया तो सौरभ भारद्वाज उसका अहम हिस्सा थे. साल 2013 में सौरभ बीजेपी के दिग्गज नेता विजय कुमार मल्होत्रा के बेटे अजय कुमार मल्होत्रा को हरा कर विधायक बने. केजरीवाल की पहली सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी बने, लेकिन वह सरकार केवल 49 दिन ही चल पाई थी. सौरभ ने उस सरकार में 28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद से सौरभ आम आदमी पार्टी की सियासत में आगे बढ़ते गए.
कौन हैं सौरभ भारद्वाज?
राजनीति में आने से पहले सौरभ भारद्वाज एक इंजीनियर थे. राजधानी दिल्ली में 12 दिसंबर 1979 को जन्मे सौरभ भारद्वाज ने अपनी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से की. उन्होंने 2003 में आईपी यूनिवर्सिटी के भारतीय विद्या पीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग पूरी की. इसके बाद सौरभ भारद्वाज, उस्मानिया यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई कर कानूनी सहायता देकर गरीबों की मदद करने लग गए.
आईटी के एक्सपर्ट भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज इंजीनियरिंग के पढ़ाई के बाद जॉनसन कंट्रोल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम में नौकरी करते थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एनवेसिस नाम की कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर की थी. भारद्वाज, यूएस और यूके में भी काम कर चुके हैं. वो माइक्रोचिप्स और कोडिंग के विशेषज्ञ रहे हैं. आईटी सेक्टर में काम करते हुए समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़ गए थे.
सियासत में कैसे आए भारद्वाज
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन के दौरान सौरभ भारद्वाज की अरविंद केजरीवाल के साथ नजदीकियां बढ़ी. इसके बाद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन किया तो सौरभा भारद्वाज सियासत में एंट्री कर गए. आम आदमी पार्टी के सदस्य बने और दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीट ग्रेटर कैलाश से चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज कर विधायक बने. इसके बाद से लगातार तीन बार से इसी सीट से विधायक हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार में उन्हें मंत्री बनने के मौका महज एक बार ही मिला है. 2013 में केजरीवाल की पहली सरकार में मंत्री बने, लेकिन उसके बाद उन्हें 9 साल के बाद अब मंत्री बनने का मौका मिल रहा है.
केजरीवाल ने भले ही सौरभ भारद्वाज को अपनी दूसरी कैबिनेट में जगह नहीं दी थी, लेकिन सौरभ अपने कामों से लगातार सुर्खियों बने रहे. चुनाव जीतने के बाद सौरभ ने पार्टी नेता के तौर पर काम किया. केजरीवाल 2014 में जब रेल भवन के बाहर धरने पर बैठे थे तभी सौरभ भारद्वाज सुर्खियों में आए थे. इसके बाद से लगातार पार्टी संगठन के लिए काम करते रहे. केजरीवाल के भरोसमंद चेहरों में उन्हें गिना जाता है और दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मा संभाल रहे थे. अब उनकी एक बार फिर कैबिनेट में वापसी हो रही है.
आतिशी पहली बार बनेंगी मंत्री
दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना पहली बार केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने जा रही हैं. 2020 में पहली बार आतिशी विधायक बनी हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार के साथ लंबे समय से काम कर रही हैं और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया की सलाहकार भी रह चुकी हैं. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आए क्रांतिकारी बदलाव के पीछे आतिशी की अहम भूमिका रही थी. माना जाता है कि आतिशी के ही सुझाव पर दिल्ली के शिक्षा में मनीष सिसोदिया ने तमाम परिवर्तन किये थे.
जानें, कौन है आतिशी मार्लेना
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ है. आतिशी की मां का नाम तृप्ता वाही और पिता विजय कुमार सिंह है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे. आतिशी ने स्कूल के समय में मार्क्स और लेनिन से बनने वाले शब्द ‘मार्लेना’ को अपने नाम के साथ जोड़ दिया था. इसके चलते ही उनका नाम आतिशी मार्लेना पड़ा. पंजाबी राजपूत समुदाय से आती हैं. आतिशी की पढ़ाई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल में हुई, जिसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बैचलर डिग्री हासिल की. डीयू से पढ़ाई करने के बाद रोड्स स्कॉलशिप हासिल कर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से मास्टर्स किया.
दिल्ली में शिक्षा का कायाकल्प किया
राजनीति में आने से पहले आतिशी मार्लेना ने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास पढ़ाती थीं. उन्होंने कई एनजीओ के साथ भी काम किया हैं. इसके बाद 2013 में आम आदमी पार्टी से जुड़ी और शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया के साथ दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के मॉडल के बेहतर बनाने का काम करने लगीं. बतौर सलाहकार काम करने के लिए वो दिल्ली सरकार से एक रुपये प्रति माह सैलरी लेती थीं. उन्होंने ही दिल्ली स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत की थी. ये कोर्स दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए है. हैप्पीनेस करिकुलम का मकसद नर्सरी से लेकर 8वीं क्लास तक के बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत करना है. इसके बाद 2020 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर कालकाजी सीट से विधायक बनी और कैबिनेट में एंट्री हो रही.